ग्वालियर, 09 फरवरी। मध्यप्रदेश में व्यापमं के पीएमटी फर्जीवाड़े की आरोपी बिहार की पुलिस सब-इंस्पेक्टर रीना सिन्हा को उच्च न्यायालय ने सशर्त जमानत प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि रीना पर 2009 में मध्यप्रदेश के सतना जिले में निर्मला सोलंकी के स्थान पर पीएमटी की परीक्षा देने का आरोप है। सीबीआई ने निर्मला सोलंकी के फोटो मिसमैच होने पर इस मामले में हैंडराइटिंग के जरिए रीना सिन्हा को आरोपी बनाया था। वकील का तर्क BTech टॉपर कैसे दे सकती है बायोलॉजी सब्जेक्ट के साथ PMT

रीना सिन्हा बिहार के मुजफ्फरपुर इंजीनियर कॉलेज की बीटेक टॉपर रही है। सीबीआई ने रीना को 2018 में आरोपी बनाया था। रीना के विरुद्ध ग्वालियर के झांसी रोड थाने में परीक्षा अधिनियम और धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। रीना पर आरोप है कि उसने 2009 में मध्यप्रदेश के सतना जिले में निर्मला सोलंकी के स्थान पर पीएमटी की परीक्षा दी है। बाद में उसका चयन बिहार पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के लिए हो गया था। रीना के अधिवक्ता आरबीएस तोमर का तर्क है कि उसका 2008 में इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए सिलेक्शन हो गया था, ऐसे में वह 2009 में परीक्षा देने कैसे आ सकती है। मेधावी रही रीना गणित संकाय से हायसैकेंडरी किया है, आखिर वह कैसे बायोलॉजी विषयों की पीएमटी में शामिल हो सकती है।  रीना के अधिवक्ता की दलील थी कि उसने अभी तक सीबीआई और दूसरी जांच एजेंसियों को इन्वेस्टिगेशन में पूरा सहयोग दिया है, लिहाजा उन्हें जमानत दे दी जाए।

एक बेटे की मां है रीना, जिसे है जन्म से ही जटिल बीमारी

गौरतलब है कि रीना 4 साल के बेटे की मां भी बन चुकी है। बेटा जन्म से ही अजीब असाध्य बीमारी का शिकार है। रीना की चिंता थी कि अगर उसे जमानत नहीं मिली तो उसके बेटो की देखरेख कैसे हो सकेगी। उसकी बीमारी से जुड़े कागजात भी उच्च न्यायालय में पेश किए गए। लिहाजा कोर्ट ने भविष्य में भी जांच में सहयोग करने के आश्वासन पर रीना को जमानत दे दी है।

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