ग्वालियर, 24 जनवरी। अजब मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी  अब ‘गजब हैं’ की श्रेणी में आते जा रहे है। ‘गजब’ इसलिए कि अपनी राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यशैली के साथ ही आमजन के साथ आम बनकर ही घुलमिल जाना अब दूसरे जनप्रतिनिधियों के लिए अनुकरणीय, किंतु बेहद मुश्किल होता जा रहा है। भूख लगी तो बाल्मीकि मोहल्ले में राह चलते मांग लिया भोजन….

प्रद्युम्न सिंह तोमर शनिवार को इंदौर से गृह-नगर आए तो सुबह से ही जनसंपर्क के लिए निकल पड़े। भ्रमण करते दोपहर हो गई, ऊर्जा मंत्री शहर के वार्ड-15 में बाल्मीकि समाज के मोहल्ले से गुजरे तो श्यामवीर बाल्मीकि की विधवा माता जी को दरवाजे पर देख अचानक कहा–माई मै सुबह से भ्रमण पर निकला हूं, भूख लग आई है, कुछ खाने को मिलेगा क्या? दरवाजे पर खड़े मंत्री को खाना मांगते देख एक बारगी बुजुर्ग माता अचंभे में पड़ गई, लेकिन तुरंत ही संभली और भागकर घर से सुबह बनाई गई बची हुई रोटियां और सब्जी ले आई। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ठंडी हो चुकी रोटी-सब्जी बड़े मजे से खाई।

खाते-खाते ही शुरू करा दी बिधवा बुजुर्ग की पेंशन

इस दौरान मंत्री ने बिधवा बुजुर्ग से यह भी जान लिया कि उनको विधवा पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। मंत्री ने अपनी चिरपरिचित हो चुकी कार्यशैली में खाना खाते हुए ही संबंधित अफसरों को कॉल किया औऱ पेंशन हाथों-हाथ शुरू करा दी।

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