भोपाल, 19 जनवरी। मध्यप्रदेश के भिंड की एक महिला ने शादी के 12 साल बाद पति को एक अजीबोग़रीब नोटिस भिजवाया, जिसे देख बेचारे पति के होश उड़ गए। भोपाल के 45 वर्षीय व्यक्ति की 35 वर्षीय पत्नी ने नोटिस के तौर पर एक लिव-इन रिलेशन्स का अनुबंध-पत्र भेजा। अनुबंध-पत्र में बताया गया है कि वह पति को तलाक दिए बिना एक 21 वर्षीय युवक के साथ लिव-इन रिलेशन में रहेगी। अजब ज़िद, ब्याहता कहलाएगी पति की, रहेगी BF के साथ….   

भिंड निवासी इस महिला की अजब ज़िद है, वह सिंदूर पति के नाम का लगाकर लिव-इन रिश्ते 21 वर्षीय BF के साथ निभाना चाहती है। उसने इस रिलेशनशिप का बाकायदा कानूनन पंजीबद्ध अनुबंध-पत्र बनवाया है। उसने संबंधित दस्तावेजों के साथ पति को पत्र भेजा कि वह तलाक भी नहीं लेगी, नौ व दस वर्षीय बेटों के साथ BF के साथ लिव-इन में भी रहेगी। पति ने इस अजब जिद का विरोध किया तो झगड़े पर उतारू हो गई। पत्नी की जिद है कि वह पति की संपत्ति पर अधिकार भी नहीं छोड़ेगी, इसलिए उसे तलाक भी नहीं देगी। बेचारे पति ने एक सामाजिक संस्था, भोपाल वेलफेयर सोसाइटी (भाई) को फोन कर अपना दुखड़ा रोया और आत्महत्या करने की इच्छा जताई। संस्था ने उसकी काउंसलिंग कर उसे कानूनी मदद दी है। पति अब बच्चों की कस्टडी और तलाक के लिए अदालत की शरण में जा रहा है।

अनुबंध-पत्र में लिखा है…..

‘मैं विवाहिता हूं और मेरे दो बेटे हैं। मैं अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती, किंतु उससे तलाक भी नहीं लेना चाहती हूं। मैं अपने 21 वर्षीय BF के साथ लिव-इन पार्टनर बन कर रहूंगी। मेरा पार्टनर मेरा और मेरे बेटों के भरण-पोषण का खर्च उठाएगा। मैं पार्टनर की संपत्ति पर कोई हक नहीं जताऊंगी, न ही मैं कभी उस पर विवाह के लिए दबाव डालूंगी।’

लॉकडाउन के सामय मायके में रुकी और बदल गई जिंदगी

भोपाल की सामाजिक संस्था ‘भाई’ के अनुसार उनके हेल्पलाइन नंबर (8882498498) पर एक कॉल आया, फोन करने वाले ने बेहद परेशान हालत में रोते-रोते बताया कि उसकी शादी 2008 में हुई। लॉकडाउन से पहले उसकी पत्नी  मायके भिंड गई थी। लौटकर आई तो उसका स्वभाव बदला सा लगा। वह छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करने लगी, और कहने लगी कि बच्चों को साथ लेकर कहीं चली जाऊंगे। आखिरकार वह  उग्र हो उठी, और बार-बार मायके जाने की धमकी देने लगी। एक दिन वह बच्चों को लेकर मायके चली गई। उसने वहां से लिव-इन संबंधों का अनुबंध-पत्र डाक से भेजा। पत्नी की अजब जिद से परेशान व्यक्ति ने ‘भाई’ को बताया कि वह इतना निराश है कि आत्महत्या की इच्छा बार-बार मन में उठ रही है। ‘भाई’ के सदस्यों ने घर पहुंचकर काउंसलिंग की, फलस्वरूप अब वह ठीक है और अदालत की शरण में जाकर बच्चों की कस्टडी और तलाक के लिए प्रार्थना करने की तैयारी कर रहा है। सामाजिक संस्था ‘भाई’ उसे कानूनी सहायता उपलब्ध करा रही है।  


पत्नी का तर्क, ब्याहता रहते दूसरे के साथ संबंध अपराध नहीं

पत्नी की जिद है कि वह पति को तलाक दे कर उसकी संपत्ति पर खुद का और उसके बेटों का अधिकार नहीं खोना चाहती। पत्नी के अनुसार अब कानून ब्याहता रहते किसी दूसरे के साथ संबंध रखना अपराध नहीं है। कानूनविद भी मानते है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अब विवाहेत्तर संबंधो पर IPC  की धारा के तहत प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता। ऐसे मामलों में महिला तलाक लिए बिना किसी के भी साथ रह सकती है। जब तक महिला शादी नहीं करती या हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह विच्छेद नहीं करती, तब तक वह संबंधित पुरुष की ब्याहता कहलाएगी। हालांकि पुरुष के पास भी तलाक के लिए इस खुले व्यभिचार को क्रूरता का आधार बना कर तलाक लेने का रास्ता मिल सकता है।

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