मदन महल में बनेगा संग्रहालय, 24 एकड़ में संजोई जाएगी रानी दुर्गावती की कीर्त कहानी
भोपाल। दमोह जिले के सिंग्रामपुर में हुई डॉ.मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में जबलपुर के मदन महल पहाड़ी पर रानी दुर्गावती स्मारक बनाने की परियोजना स्वीकृत की गई है। यहां 24 एकड़ क्षेत्र में सौ करोड़ रुपए की लागत से जबलपुर की बावड़ियों की थीम पर स्मारक बनाया जाएगा। इस स्मारक परिसर में धातु, शिल्प कला और टेराकोटा के तीन अलग-अलग जोन बनेंगे। स्थानीय भोजन की उपलब्धता वाला फूड जोन, जल-संरक्षण संरचनाएं, कैफेटेरिया एवं फिल्म निर्माण पर समिति द्वारा निर्णय लिये जायेंगे।
इस स्मारक में रानी की शौर्य गाथा के साथ ही गौंडवाना संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। रानी दुर्गावती संग्रहालय का वास्तुशिल्प डिजाइन स्थानीय गौंडवाना वास्तुकला पर आधारित होगा। इस म्यूजियम के सेंट्रल एरिया की थीम जबलपुर की बावड़ियों पर आधारित होगी। इस म्यूजियम में सॉविनियर शॉप, सूचना केंद्र और रानी दुर्गावती की कांस्य की प्रतिमा स्थापित होगी।
जीरो प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण योजना की निरन्तरता को मंजूरी
मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि सहकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2024-25 में शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना निरन्तर जारी रहेगी।
मध्यप्रदेश जैन कल्याण बोर्ड के गठन का निर्णय
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश जैन कल्याण बोर्ड के गठन का निर्णय लिया है। देश में अपने प्रकार का यह पहला कार्य है। जैन समाज के प्रतिभाशाली बच्चे एवं युवाओं को शिक्षा, सामाजिक सरोकार जैसे जैन-मुनियों के प्रवास एवं चार्तुमास के दौरान सुरक्षा एवं बेहतर शिक्षा एवं स्थिति में सुधार आदि के संबंध में शासन की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन जैन समाज के विशेष संदर्भ में प्रभावी तरीके से करने के लिए मध्यप्रदेश जैन कल्याण बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है। बोर्ड में 01 अध्यक्ष एवं 02 सदस्य होंगे। बोर्ड के गठन से जैन समाज, वर्ग के व्यक्तियों के लिए शासन की कल्याणकारी/जनहितकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होगा। इससे जैन समाज के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास को गति मिल सकेगी। बोर्ड में 2 वर्ष श्वेतांबर और 2 वर्ष दिगम्बर समाज के कार्यकाल को निर्धारित किया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया है कि पूर्ववर्ती चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आपस में विलय होने से दोनों विभागों के अन्तर्गत संचालित नर्सिंग महाविद्यालयों में शैक्षणिक एकरूपता लाई जाये। इसके लिए स्वशासी नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थानों को शासकीय नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान में परिवर्तित किया जाकर स्वशासी नर्सिंग महाविद्यालय के लिए पूर्व से स्वीकृत सभी 428 पदों को लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सेवा भर्ती नियम अंतर्गत प्रशासित किया जाएगा।
मंत्रि-परिषद ने दमोह जिले में स्थित हवाई पट्टी के उन्नयन की सैद्धांतिक सहमति भी दी।