नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के बाद महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी तैयारियों का रिव्यू करने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार और शनिवार को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराने से पहले यहां की स्थिति का जायजा लेगा। इसके बाद आयोग तय करेगा कि इन दोनों राज्यों में चुनाव कब कराए जाएं। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों राज्यों के लिए दिवाली के बाद चुनावों का ऐलान हो सकता है। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा की काउंटिंग के बाद किसी भी वक्त आयोग चुनाव की घोषणा कर सकता है।

आयोग के सूत्रों का कहना है कि वैसे तो अंतिम फैसला आयोग ही करेगा, लेकिन एक अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में तीसरे और आखिरी चरण की और हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने वाले मतदान के बाद आयोग कभी भी इन दोनों राज्यों के लिए चुनावों की घोषणा कर सकता है। इसमें भी ज्यादा संभावना 8 अक्टूबर को परिणाम आने के बाद ऐलान करने की है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, इलेक्शन कमिश्नरों ज्ञानेश कुमार और डॉक्टर एस. एस. संधु महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराने की तमाम स्थितियों की समीक्षा करेंगे। यहां महाराष्ट्र के सीईओ, पुलिस चीफ और सरकार के अन्य तमाम आला अधिकारियों के अलावा सभी राजनीतिक दल और अन्य लोगों से विस्तार से बात करने के बाद ही राज्य में चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। महाराष्ट्र में इससे पहले 2019 का चुनाव हरियाणा के साथ कराया गया था। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। इससे पहले आयोग को यहां चुनाव संपन्न कराना है।

राजनीतिक दलों ने अक्टूबर-नवंबर में दिवाली, छठ, दुर्गा पूजा और राज्य स्थापना दिवस जैसे मामले उठाते हुए कहा था कि इन दिनों मतदान की तारीख ना रखी जाए। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 नवंबर को खत्म होगा। ऐसे में अभी झारखंड में विधानसभा चुनाव कराने में आयोग को समय मिल रहा है। यहां नवंबर के अंतिम हफ्ते से दिसंबर के बीच में चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं। वैसे तो राज्य में अब नक्सलवाद की बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन फिर भी आयोग नक्सलवाद समेत तमाम तीज-त्योहारों और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा।

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