इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं सागर के प्रस्ताव हुए तैयार
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गत दिसम्बर में भोपाल शहर में फुटपाथ पर रात गुजारने वाले कई नागरिकों से भेंट की थी। साथ ही ईदगाह हिल्स और शाहजहांनी पार्क के पास नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा संचालित रैन-बसेरों का निरीक्षण भी किया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन रैन-बसेरों में नागरिकों के उपचार के लिए सुविधा प्रदान करने, भोजन की गुणवत्ता पर नजर रखने और शीतकाल में रजाई आदि की व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए थे। अनेक सामाजिक संगठन भी रैन-बसेरों के अच्छे संचालन के लिए सहयोग करते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को रैन-बसेरों के निरीक्षण में इस तथ्य की भी जानकारी मिली थी कि निर्धन वर्ग विशेषकर ऐसे श्रमिक जो किन्हीं कार्यों से भोपाल, इंदौर व अन्य बड़े नगरों में आते हैं और उन्हें कुछ दिन शहर में रहना होता है। शहरों में ऐसी सुविधा कम होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रमिकों की सुविधा के लिए शहरों में श्रमिक विश्राम गृह के निर्माण के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में भोपाल, सागर, जबलपुर एवं इंदौर के प्रस्ताव तैयार कर श्रमिक विश्राम गृह के निर्माण की पहल की गई है।
इन नगरों में होगा रैन बसेरों का निर्माण
यह विश्राम गृह “मॉडल रैन बसेरे” के रूप में जाने जाएंगे। प्रत्येक मॉडल रैन बसेरा 100 बिस्तर की क्षमता का होगा। प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, रतलाम, सागर, रीवा, सिंगरौली, सतना, जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, मुरैना और ग्वालियर में रैन-बसेरों का निर्माण किया जाना है। इन रैन- बसेरों में नि:शुल्क अथवा रियायती दर पर भोजन की व्यवस्था इस्कॉन (अक्षय पात्र) जैसी संस्थाओं के माध्यम से करवाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के नगरों में मॉडल रैन-बसेरों के निर्माण के लिए भूमि चिन्हांकित की जा चुकी है। रैन-बसेरों का निर्माण पीआईयू द्वारा किया जाएगा। इनका संचालन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति नगर निगम के माध्यम से करेगी।