वॉशिंगटन। पिछले 10 साल से भारत ने अपने प्राचीन खजाने को वापस पाने के लिए सार्थक प्रयास किए हैं और उसका प्रभाव दिखाई भी दे रहा है। जानकारों का मानना है कि वैश्विक नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत संबंधों की वजह से भारत की धरोहर को वापस लाने में मदद मिली है।
इस बार भी अमेरिका ने भारतीय संस्कृति से जुड़ी 297 ऐसी नायाब वस्तुएं लौटा दी हैं जो कि तस्करी के जरिए देश से बाहर चली गई थीं। जिसे अपने साथ लेकर पीएम मोदी भारत लौटेंगे। तस्करी के जरिए विदेश पहुंच गईं कलाकृतियां और मूर्तियां भारत की पुरातन संस्कृति से जुड़ी हुई हैं। बता दें कि 2014 के बाद से भारत को विदेश से लगभग 640 धरोहर वापस मिल चुकी हैं। अमेरिका के अलावा यूके से 16 और ऑस्ट्रेलिया से 14 कलाकृतियां वापस प्राप्त की गई हैं। वहीं 2004 से 2013 तक केवल एक ही कलाकृति भारत को विदेश से मिल पाई थी। जुलाई 2024 में 46वीं वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी से इतर नई दिल्ली में अमेरिका और भारत के बीच कल्चरल प्रॉपर्टी अग्रीमेंट पर साइन किए गए थे। इस समझौते के मुताबिक सांस्कृतिक वस्तुओं की अवैध तस्करी पर विराम लगाने के प्रयास किए जाएंगे। इससे पहले भी पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के समय कई प्रचीन वस्तुएं सौंपी गई थीं। 2021 में जब पीएम मोदी अमेरिका गए थे तो उन्हें 157 चीजें मिली थीं। इसमें 12वीं शताब्दी की नटराज की मूर्ति भी शामिल थी। 2023 में पीएम मोदी के दौरे के बाद अमेरिका ने 105 वस्तुएं भारत को लौटाई थीं। इस तरह अकेले अमेरिका से ही अब तक 578 प्राचीन और बेशकमीती वस्तुएं भारत को वापस मिल चुकी हैं।