नई दिल्ली। हाल ही में एक खबर चली थी कि भारत से तमाम गोला बारूद यूरोप होते हुए यूक्रेन पहुंचे हैं। इस खबर के चलते ही रूस ने इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर हुए इस घटनाक्रम में भारत ने रॉयटर्स एजेंसी की खबर को कल्पनिक बताया और कहा कि इस तरह की खबरों से बचना चाहिए। इसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है। भारत के रक्षा निर्यात के परिवर्तन के जरिए यूक्रेन पहुंचने पर रूस द्वारा जाहिर की गई नाराजगी शीर्षक से जुडी़ विदेशी मीडिया में प्रकाशित एक खबर का विदेश मंत्रालय ने पूरी तरह खंडन किया है।

मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि हमने रॉयटर्स की खबर देखी है। यह एक काल्पनिक और भ्रामक खबर है यह भारत के लिए उल्लंघन के समान है। तरराष्ट्रीय बाध्यता के संदर्भ में भारत का का सैन्य निर्यात और उत्पाद के दोहरे इस्तेमाल को लेकर छवि साफ सुथरी है। इमने हमेशा परमाणु अप्रसार के तहत तय की गई वैश्विक बाध्यताओं को ध्यान में रखते हुए रक्षा निर्यात किया है । यह देश के व्यापक कानूनी और नियामक तंत्र से जुडा हुआ है इसमें उपयोगी क्राइटीरिया,प्रयोगकर्ता से जुडी बाध्यताएं और प्रमाण पत्र शामिल है। बता दे कि रॉयटर्स ने अपनी खबर में भारत के गोलाबारुद के यूक्रेन प्रवेश से रुस की नाराजगी को लेकर एक खबर प्रकाशित की थी जिसे लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने यह प्रतिक्रिया दी है।

गौरतलब है कि हथियारों के निर्यात को लेकर भारतीय नियमों के तहत हथियारों इस्तेमाल सिर्फ खरीददार ही कर सकते हैं। भारतीय अधिकारियों ने बताया है कि रूस ने कम से कम दो मौकों पर इस मुद्दे को उठाया है। जुलाई में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उनके भारतीय समकक्ष के बीच हुई बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। रॉयटर्स की इस रिपोर्ट के जरिए पहली बार गोला-बारूद के इस खरीद बिक्री का विवरण पता चला है। यूक्रेन को भारतीय गोला-बारूद भेजने वाले यूरोपीय देशों में इटली और चेक गणराज्य शामिल हैं। यह देश यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने की पहल का नेतृत्व कर रहे हैं।

बता दें कि रूस और यूक्रेन में जंग शुरू हुए लगभग तीन साल का समय बीत चुका है और यह संघर्ष अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच अब इस जंग को लेकर हैरान करने वाले दावे सामने आए हैं। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले तोप के गोले यूरोप के जरिए यूक्रेन पहुंच गए हैं। रूस के विरोध के बावजूद भारत ने इस खरीद बिक्री को रोकने के लिए अब तक कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। कई भारतीय और यूरोपीय अधिकारियों के साथ-साथ सीमा शुल्क डेटा के मुताबिक रूस के खिलाफ यूक्रेन के हमलों के लिए गोला-बारूद का यह निर्यात एक साल से भी ज्यादा समय से हो रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पोक्रोवस्क में रूसी आक्रमण को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे यूक्रेन में गोला-बारूद की भारी कमी है।

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