तेलअवीव। लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक से बेहाल है। उसने आरोप लगाया है कि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस पूरे कांड को रचा। इसी बीच खबर आई की इजरायल पर साइबर अटैक हुआ है। यहां अचानक मोबाइल बजने लगे और हमले का अलर्ट दिया गया। लोकल मीडिया की रिपोर्ट है कि आधी रात को अचानक इजरायलियों के फोन बजने लगे। उन पर इमरजेंसी मैसेज दिखने लगा। मैसेज में इजरायलियों को सुरक्षित जगह भाग जाने के लिए कहा गया था। इस तरह के हजारों मैसेज मिलने के बाद अफरा-तफरी जैसी स्थिति पैदा हो गई। इजरायली अधिकारी इस तरह के मैसेज की जांच कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि ये ईरानी हैकर्स द्वारा प्रायोजित हो सकते हैं। वहीं, इजरायली सेना आईडीएफ ने इस तरह के मैसेजों को फर्जी करार देते हुए कहा कि उन्होंने इजरायलियों को इस तरह का कोई संदेश नहीं भेजा। यह साइबर अटैक हो सकता है। आईडीएफ के बयान में कहा गया, आपातकालीन घोषणा वाला मैसेज हमारी ओर से नहीं किया गया। होम फ्रंट कमांड की रक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

गौरतलब है कि इजरायल पर साइबर हमले की खबर लेबनान में लगातार दो दिन पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोटों में मारे गए 20 से अधिक लोगों की जान जाने के बाद आई है। हिजबुल्लाह के अधिकारियों के मुताबिक, बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों में लोगों के जेब में रखे पेजर में अचानक विस्फोट होने लगे। लेबनान मंगलवार को हुए इस हमले से संभला भी नहीं था, तभी अगले दिन बुधवार को वॉकी-टॉकी विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई। इन दोनों हमलों के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया जा रहा है। पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोटक भरा हुआ था। इजरायली मीडिया ने बताया कि बुधवार देर रात देशभर के इजरायलियों को आपातकालीन अलर्ट में फर्जी मैसेज प्राप्त हुए। जिनमें उनसे कहा गया कि वे जहां हैं, वहां से चले जाएं और किसी सुरक्षित क्षेत्र में चले जाएं। संदेश के व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद बताया कि इस संभावना की जांच की जा रही है कि इसके पीछे ईरान का हाथ है।

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