ख़बर ख़बरों की डेस्क। ‘नासा’ की ‘चंद्रा’ X-रे वैधशाला ने आकाशगंगा समेत असंख्य प्रकाशवर्ष दूर किसी भी सितारे के संगीत ‘चंद्रा’ X-रे वैधशाला ने सोनिफिकेशन की प्रकिया से सुन पाना संभव कर दिया है। दरअसल सोनिफिकेशन किसी भी तारे या ब्रह्मांडीय पिंड से निकलने वाली रोशनी को आवाज के रूप बदलकर सुना और समझा जा सकता है। आकाशगंगा/प्रकाश पिंड में जितनी रोशनी होगी आवाज में उतार-चढ़ाव उतना ही बढ़ता जाएगा। रोशनी जैसे कम होगी आवाज का उतार-चढ़ाव घटेगा। सितारों की झिलमिल को सुनिए और खो जाइए अनंत ब्रह्मांड के अलौकिक संगीत में….

नासा ने आकाश गंगा के सोनिफिकेशन के दो वीडियों जारी किए हैं। पहले वीडियो में आकाशगंगा की तस्वीर पर साउंड बाएं से दाईं ओर बढ़ता है। साउंड से पता चलता है कि कहां पर कितनी रोशनी है। जैसे ही यह तेज रोशनी के करीब पहुंचता है इसके साउंड में बदलाव आता है। इसके लिए नासा ने लिखा है,’हम अंतरिक्ष के निर्वात को तो नहीं सुन सकते, फिर भी ब्रह्मांड के अलौकिक संगीत का आनंद ले सकते हैं’।

दूसरे वीडियो को नासा ने ‘सृजन के स्तंभ’ नाम दिया है। दरअसल यह हब्बल स्पेस टेलिस्कोप और ‘चंद्रा’ X-रे वैधशाला के संयुक्त वीक्षण के ‘सोनिफिकेशन’ का अभिलेख है।

नासा के मुताबिक, यूजर 400 प्रकाश वर्ष दूर से दिखने वाली तस्वीर को साउंड के रूप में सुन सकता है। नासा के दोनो वीडियो चंद्रा एक्स-रे वेधशाला, हब्बल टेलिस्कोप और स्पिट्जर टेलिस्कोप के सोनिफिकेशन हैं। आकाशगंगा की अलग-अलग तस्वीरें अलग-अलग तरह का साउंड दे रही हैं।

नीचे दी गई लिंक को प्ले कीजिये, और हैडफोन लगाकर आंखें बंद कर सुनिए ब्रह्मांड का अलौकिक गान….

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