नई दिल्ली । राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कई बार इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत और इनकी बिक्री से जुड़े मुद्दे उठा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों की कीमत अगले 2 साल में पेट्रोल कारों के बराबर हो जाएगी।

आम आदमी के लिए कीमत सस्ती होने से इनकी बिक्री में इजाफा होने लगेगा। नितिन गडकरी लंबे समय से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के पक्षधर रहे हैं। 64वें अक्मा वार्षिक सत्र में बोलते हुए, गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों को आम जनता के लिए किफायती बनाने के उपायों पर जोर दिया। गडकरी ने एक दशक पहले प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माताओं की ओर से उन्हें मिले संदेह के बारे में भी विचार व्यक्त किए। गडकरी ने कहा, “दस साल पहले, जब मैं ईवी के लिए जोर दे रहा था, तो भारत में ऑटोमोबाइल दिग्गजों ने मुझे गंभीरता से नहीं लिया। अब, वे मुझसे कहते हैं कि शायद वे मौका चूक गए हैं।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवी पर उद्योग का नजरिया काफी बदल गया है। अपने संबोधन के दौरान, मंत्री ने ऑटोमोबाइल कंपनियों से अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यक्रमों के माध्यम से सड़क सुरक्षा पहलों में योगदान देने का भी आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सड़क सुरक्षा उनके मंत्रालय के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि खराब तरीके से डिजाइन और इंजीनियर की गई सड़कें भारत में दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि अगर वित्त मंत्रालय या उद्योग मंत्रालय उन्हें लागू करने का फैसला करता है, तो वह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए अतिरिक्त सब्सिडी या प्रोत्साहन देने के खिलाफ नहीं हैं। गडकरी ने कहा, “मैं इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए किसी भी अतिरिक्त सब्सिडी या प्रोत्साहन के खिलाफ नहीं हूं।

अगर वित्त मंत्री और उद्योग मंत्री अधिक देना चाहते हैं, तो मुझे कोई समस्या नहीं है।” बता दें कि देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़वा देने के कई प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, पेट्रोल गाड़ियों की तुलना में अधिक कीमत के वजह से लोगों के बीच इनकी स्वीकार्यता कम है। देश में ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों और कंपोनेंट्स का निर्माण शुरू होने से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की कीमत तो कम हुई है लेकिन अब भी इलेक्ट्रिक कारें काफी महंगी हैं।

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