जम्मू। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जम्मू के पलौरा में जनसभा की। विधानसभा चुनाव को लेकर शाह की यह पहली रैली है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पर घाटी में दोबारा आतंक फैलाने का आरोप लगाया। शाह ने कहा कि कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस का गठबंधन एलओसी पर फिर से ट्रेड शुरु करना चाहता है। उसका पैसा आतंकियों के मददगार तक पहुंचेगा और इलाके में फिर से अशांति आएगी। हालांकि, भाजपा सरकार के रहते ऐसा संभव नहीं हो पाएगा।

गृह मंत्री ने कहा कि मैं आज ये कहना चाहता हूं कि जब तक जम्मू-कश्मीर में शांति नहीं आएगी, तब तक पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी। कांग्रेस जेल में बंद पत्थरबाजों और आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को छुड़ाना चाहती है, ताकि आतंक फिर से फैले। शाह ने आगे कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस कहती है कि हम जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा देंगे। मैं अब्दुल्ला साहब और राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि आप जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा कैसे वापस देंगे? जनता को मूर्ख बना रहे हो आप क्योंकि जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा तो सिर्फ भारत सरकार ही दे सकती है।

हम जम्मू-कश्मीर को ऑटोनॉमी नहीं बनने देंगे

अमित शाह ने आगे कहा कि नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी वाले कहते हैं, हम पहले जैसी व्यवस्था लाएंगे। क्या आप इससे सहमत हो? जिस ऑटोनॉमी की बात ने जम्मू-कश्मीर को आग में झुलसाया, घाटी में 40 हजार लोग मारे गए। ये कहते हैं, हम जम्मू-कश्मीर को ऑटोनॉमी देंगे। मैं आज कह कर जाता हूं, कोई भी ताकत ऑटोनॉमी की बात नहीं कर सकती।

पहली बार एक संविधान के तहत वोटिंग

शाह ने कहा कि आने वाला चुनाव एक ऐतिहासिक चुनाव है। जब से देश आजाद हुआ। पहली बार, दो संविधान नहीं, भारत के संविधान (जिसको बाबा साहेब अंबेडकर ने बनाया) के अंतर्गत मतदान होने जा रहा है। पहली बार, पूरे जम्मू-कश्मीर सूबे में प्रधानमंत्री नहीं बैठ सकता, प्रधानमंत्री एक ही होता है, जिसे कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक की जनता चुन कर भेजती है और वो हमारे प्रिय नेता पीएम मोदी हैं।

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