मुख्यमंत्री डॉ. यादव झालरापाटन में आचार्य प्रज्ञा सागर जी के चातुर्मास कार्यक्रम में शामिल हुए
भोपाल : आचार्य 108 श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज ने मध्यप्रदेश में जन-कल्याण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व की सराहना की है। आज राजस्थान के झालरापाटन में अपने 52 वें जन्म दिवस और 36 वें चातुर्मास कार्यक्रम में जैन मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज ने कहा कि मध्यप्रदेश की उन्नति के लिए समर्पित और ऊर्जावान मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. यादव ने अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को आशीर्वाद भी दिया।
आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मेरे 50 वें और 51 वें जन्म दिवस पर उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में पधारे थे। आज वे मुख्यमंत्री के रूप में आए हैं। निश्चित ही उनका यह भाव प्रभावित करता है। उन्होंने मेरी जन्म वर्षगांठ के अवसर पर निरंतर तीन वर्ष आकर हैट्रिक बनाई है। इस चातुर्मास कार्यक्रम और महोत्सव को उन्होंने बहुमुखी बना दिया है। महोत्सव में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने उपस्थित होकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संतों का आर्शीवाद पूँजी की तरह है। हमारे देश में संतों और धर्माचार्यों का स्थान सर्वोच्च है। सम्पूर्ण समाज संतों से मार्गदर्शन प्राप्त करता है। हमारे संतों ने सनातन संस्कृति को निरंतर कायम रखा है। किसी मनुष्य ने स्वर्ग नहीं देखा लेकिन संतों का सानिध्य और आशीर्वाद प्राप्त होना जीवन को धन्य करने और स्वर्गिक आनंद की अनुभूमि प्राप्त करने जैसा है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में यूनान,रोम और कई देशों का अस्तित्व और सभ्यता खत्म हो गई क्योंकि उन देशों में संत परम्परा नहीं थी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का चातुर्मास कार्यक्रम समिति के पदाधिकारियों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आचार्य श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज को स्मृति चिन्ह प्रदान किया एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में राजस्थान और मध्यप्रदेश के अनेक स्थानों के धर्म प्रेमी नागरिक उपस्थित थे। महोत्सव में श्रद्धालुओं के साथ ही सांस्कृतिक दल के सदस्यों ने भजनों के साथ नृत्य कार्यक्रम उल्लास के साथ प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर आचार्य जी के निर्देशन में हुए मंदिरों के जीर्णोद्धार से संबंधित छायाचित्रों के दो एलबमों का लोकार्पण भी किया।