जेरुसलेम । बीते साल 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजराइल पर घातक हमला कर दिया। इस हमले में करीब 1200 इजराली नागरिक मारे गए। उसने करीब 250 इजराली नागरिकों को बंधक भी बना लिया। हमास के इस हमले के बाद वहां भीषण जंग छिड़ गई।
बीते करीब 10 महीने से इजराइल इस जंग में मारे गए अपने लोगों का बदला लेने के लिए फिलिस्तीन पर लगातार हमले कर रहा है। उसने हमास को खत्म करने की ठान ली है। उसने अपने 1200 लोगों की हत्या के बदले अब तक 40 हजार फिलिस्तीनियों और हमास के लड़ाकों को मार चुका है। वह अब भी हमास द्वारा बंधक बनाए गए अपने लोगों को छुड़ाने की कोशिश में लगा है। बीते दिनों ने उसने ऐसे ही एक बंधन को छुड़ाने में सफलता हासिल की। वह करीब 250 दिनों से बंधन था। उस शख्स का नाम है अल्कादी। उसकी उम्र 52 साल है। वह बीते 250 दिनों से हमास के एक अंडरग्राउंड ठिकाने में बंधन बना हुआ था। वह पहला जीवित शख्स है जिसे इजरायली सेना ने हमास के कब्जे मुक्त करवाया है। अल्कादी को रिहा कराने के बाद एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अस्पताल से ही उसने राष्ट्रपति इसाक हेर्चोग से फोन पर बात की। उसने बताया कि उसे उम्मीद नहीं थी कि वह फिर कभी आजाद हो पाएगा।
अल्कादी ने बताया कि हमास ने उसे जिस जगह पर रखा था वहां करीब 108 और बंधक हैं। उनसे में एक तिहाई की मौत हो चुकी है। बचे हुए बंधक नरक की जिदंगी जी रहे हैं। उनपर असहनीय अत्याचार हो रहा है। कल्पान नहीं की जा सकती कि वे बंधन लोग कैसी जिंदगी जी रहे हैं। इस बीच इजरायली सेना लगातार अपना अभियान जारी रखे हुए है। बंधकों को छुड़ाने के लिए अपने ऑपरेशन को और तेज कर दिया है। बता दें कि इसराइल बीते करीब एक साल से भीषण जंग लड़ रहा है। इस जंग में करीब 40 से 45 हजार लोग मारे गए हैं। यह मुल्क अपने ऊपर हुए हमले का बदला लेने और अपने बंधक लोगों को बचाने के लिए लगातार हमले कर रहा है।