नई दिल्ली। असम विधानसभा में कार्यवाही के दौरान नमाज पढ़ने के लिए ब्रेक होने की परंपरा थी। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने यह कहते हुए बंद करवा दिया कि इससे सदन की कार्यवाही में बाधा आती है। इसको लेकर अब जेडीयू नेता नीरज कुमार ने सीएम पर निशाना साधा है। एनडीए की सहयोगी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीरज कुमार ने नाराजगी जताई है। नीरज कुमार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से राज्य में हिंदू धर्म में होने वाले रीति-रिवाजों पर भी कदम उठाने को कहा है। असम विधानसभा द्वारा शुक्रवार की नमाज के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने के नियम में संशोधन पर जद-यू नेता नीरज कुमार ने कहा कि ‘असम सरकार का यह फैसला संविधान के मानक के खिलाफ है। सभी धर्मों को अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों को जिंदा रखने का अधिकार है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा कहते हैं कि इससे विधानसभा में काम करने की क्षमता बढ़ेगी। फिर मैं उनसे कामाख्या मंदिर में ‘बलि प्रथा’ को रोकने के लिए कहना चाहूंगा… किसी को भी धार्मिक प्रथाओं पर हमला करने का अधिकार नहीं है।

गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को राजद के तेजस्वी यादव की नमाज पढ़ने के नियम संबंधी टिप्पणी की आलोचना की और उन्हें उपदेश देने से पहले खुद करके दिखाने की सलाह दी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पूर्व नेता लोबिन हेम्ब्रम के बीजेपी में शामिल होने के अवसर पर सरमा पार्टी मुख्यालय रांची में मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रहे थे। असम विधानसभा में दो घंटे का जुमा अवकाश रद्द किए जाने के बाद तेजस्वी यादव ने असम के सीएम सरमा पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का आरोप लगाया था। सरमा ने कहा कि ‘मैं दो घंटे के जुमा ब्रेक को फिर से लागू करूंगा, अगर मुझे सलाह देने वाले लोग अपने-अपने राज्यों में चार घंटे के ब्रेक को लागू कर दें।’ उन्होंने कहा कि असम विधानसभा को छोड़कर, लोकसभा या राज्यसभा सहित कहीं भी 1937 से ब्रिटिश विरासत की ऐसी प्रथा का प्रावधान नहीं है।

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