नई दिल्ली। मथुरा सहित देशभर में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है। हालांकि, वृन्दावन में जन्माष्टमी मंगलवार यानी 27 अगस्त को मनाई जाएगी। यह भगवान कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि कृष्ण जन्मस्थान मंदिर जो आमतौर पर 12 घंटे के लिए खुलता है। वो 26 अगस्त को 20 घंटे खुला रहेगा, जिससे भक्त भगवान के निर्बाध दर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि मंदिर के गर्भगृह को कंस की जेल के रूप में बदल दिया गया है।अजन्मे के जन्म के दौरान द्वापर युग में मौजूद स्थितियों को दिखाने की कोशिश करेंगे।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में परिसर जन्माष्टमी की पूर्व शाम को महोत्सव के दौरान 5251 दीए जलाए गए। संस्थान के अधिकारियों के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में जन्माष्टमी का उत्सव सुबह साढ़े पांच बजे से शुरू हो गया है। सबसे पहले ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक और पुष्पांजलि के साथ-साथ मंगला आरती से उत्सव शुरू हो गया है। संत नृत्य गोपाल दास के नेतृत्व में आधी रात को ठाकुर जी के बाल स्वरूप का महाभिषेक होगा। ये समारोह रात करीब 11 बजे से शुरू कर रात करीब 12.40 तक जारी रहेगा। ये उत्सव रात 2 बजे शयन आरती के साथ खत्म होगा। उन्होंने कहा कि इस दिन दो प्रमुख शोभा यात्रा और एक आध्यात्मिक शोभा यात्रा भी निकाली जाएगी जो शहर के प्रमुख बाजारों को कवर करेगी। जानकारों का मानना है कि इस बार जन्माष्टमी पर 45 मिनट द्वापर युग जैसा संयोग बन रहा है जो काफी शुभ माना जा रहा है। इस तरह देशभर में मंदिर और चौक-चौहारे जन्माष्टमी के भव्य उत्सव के लिए सजकर तैयार हो गए हैं। वहीं, उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर विशेष भस्म आरती की गई।

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