नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने एक नयी पेंशन योजना की घोषणा की है। इनाम यूनिफाइड पेंशन स्कीम होगा। यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इस योजना के तहत अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 वर्ष तक काम किया है तो सेवानिृवत्ति के पहले नौकरी के आाखिरी 12 माह के बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप् में मिलेगा। अगर किसी पेंशनभोगी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को कर्मचारी की मौत के समय तक मिलने वाली पेंशन का 60प्रतिशत परिवार को मिलेगा।
अगर कोई 10 साल के बाद नौकरी छोड़ देता है तो उसे 10 हजार रूपये पेंशन मिलेगी। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिये यूनिफाइड पेेशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। इस योजना से केन्द्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को यूनीफाइड पेंशन स्कीम से लाभ होगा।कर्मचारियों के पास एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा। यूनिफाईड पेंशन स्कीम के तहत महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम से जुड़ी बड़ी बातें –
1. कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50 फीसदी एश्योर्ड पेंशन के रूप में मिलेगा। किसी ने अगर 25 साल काम किया है तो उसे यह पेंशन मिलेगी। 25 साल से कम और 10 साल से ज्यादा है तो कम होगी।
2. कर्मचारी की मौत होने के ठीक पहले की सैलरी का 60% पेंशन के रूप में परिवार को मिलेगा।
3. दस साल से कम सर्विस होने पर मिनिमम अश्योर्ड पेंशन 10 हजार रुपए महीना होगी। महंगाई के साथ यह आज की तारीख में करीब 15 हजार रुपए होगी।
4.तीनों पेंशन पर महंगाई के हिसाब से DR का पैसा मिलेगा।
5. हर 6 महीने की सर्विस के लिए वेतन का 10% लमसम एमाउंट का मिलेगा। किसी की 30 साल की सेवा है तो उसे छह महीने की सैलरी ( भत्ते सहित) का पैसा मिलेगा।
न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और सरकार 14% देती है। अब UPS में कर्मचारी को कोई भी कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं करना होगा। सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 % कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। प्रधानमंत्री और केंद्रीय कर्मचारियों की नेशनल काउंसिल यानी जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सदस्य शामिल होंगे। बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), न्यू पेंशन स्कीम (NPS) और 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट पेश करते हुए NPS में सुधार की बात कही थी। वहीं, संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब दिया था कि सरकार OPS बहाली पर कोई विचार नहीं कर रही है।
रेलवे के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉई फेडरेशन (AIDEF) ने प्रधानमंत्री की बैठक का बहिष्कार किया है। AIDEF के महासचिव सी श्रीकुमार ने बताया कि संगठन PM मोदी के साथ होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेगा। इसकी वजह ये है कि बैठक में OPS बहाली नहीं बल्कि NPS में सुधार को लेकर चर्चा होगी। संगठन पहले ही कह चुके हैं कि कर्मचारियों को OPS ही चाहिए। बता दें कि AIDEF ने 15 जुलाई को वित्त मंत्रालय की बैठक का भी बहिष्कार किया था।
कर्मचारी संगठनों ने OPS बहाली को लेकर 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में मांग की गई थी कि सरकार NPS बंद करे और गारंटीकृत ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करे। मांग पूरी ने होने पर संगठनों ने 1 मई 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कही थी। बाद में सरकार की ओर से चर्चा का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल टाल दी गई थी। मार्च 2024 में सरकार ने उस समय के वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (हाल ही में कैबिनेट सचिव नियुक्त हुए हैं) की अध्यक्षता में NPS में सुधार के लिए एक कमेटी बनाई थी।
कमेटी ने सुधार के लिए दुनियाभर के देशों की पेंशन स्कीमों सहित आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से किए गए सुधारों की भी स्टडी की है। इसमें पता चला कि सरकार 40-45% पेंशन की गारंटी देने में सक्षम हो सकती है। इसके बाद पिछले दिनों खबर आई थी कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को आखिरी सैलरी का 50% पेंशन की गारंटी दे सकती है। साधारण शब्दों में कहें तो अगर रिटायर होने से पहले किसी कर्मचारी की आखिरी सैलरी 50 हजार रुपए थी, तो सरकार उसे हर महीने 25 हजार रुपए पेंशन देने की योजना बना रही है।NPS में सुधार के लिए बनी थी सोमनाथन कमेटी ।