कीव। पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ शांति को लेकर बात की। वहीं यह दौरा पीएम मोदी के लिए चुनौतीपूर्ण इसलिए भी था क्योंकि रूस से तेल आयात ना रोकने को लेकर यूक्रेन में भारत के प्रति एक असंतोष भी है। ऐसे में जब पीएम मोदी ओसिस के पीस पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे तो उनकी सुरक्षा बेहद कड़ी की गई थी। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने उनकी सुरक्षा की चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था पहले से ही कर रखी थी। एसपीजी ने पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए बुलेट रजिस्टैंट शील्ड लगाई थी।

पीएम मोदी ने वोलोदिमिर जेलेंस्की से कहा कि शांति के लिए बातचीत जरूरी है और रूस के साथ बैठकर बिना समय गवाए बातचीत होनी चाहिए। युद्ध को खत्म करने का रास्ता तलाशना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, हम तटस्थ नहीं हैं। शुरू से ही हमने पक्ष लिया है। हम बुद्ध की धरती से आते हैं और इसलिए युद्ध को स्थान नहीं देते। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता करवाने में अपनी भूमिका अदा करने को तैयार है। इसके अलावा पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से भी हस्तक्षेप करने का वादा किया।

जानकारी के मुताबिक कीव दौरे के समय एसपीजी की टीम 24 घंटे अलर्ट थी। पीस पार्क में पीएम मोदी के टहलने के दौरान भी स्नाइपर्स की आशंका थी। ऐसे में एसपीजी की टीम अलर्ट पर थी। पूरे इलाके में जवानों को तैनात कर दिया गया था और बीआर शील्ड लगा दी गई थी। पीएम मोदी जब पोलैंड वापस जाने के लिए ट्रेन में सवार हो गए तब एसपीजी की टीम को भी राहत मिली। पोलैंड से ही वह भारत के लिए रवाना हो गए। रूस से भारत के रिश्ते को लेकर यूक्रेनियों में असंतोष की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को पहले से ही थी। वहीं प्रधानमंत्री की टीम ने भारत विरोधी तत्वों की जानकारी भी एसपीजी को दे दी थी। ऐसे में पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए डायरेक्टर एसपीजी आलोक शर्मा के नेतृत्व में कम से कम 60 एसपीजी कमांडो तैनात थे। भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात के दौरान भी यह बात सामने आई। कई लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी से बताया कि रूस और भारत के संबंधों को लेकर यूक्रेनियों में नाराजगी है और यह गुस्सा वे यहां रहने वाले भारतीयों के साथ जाहिर करते हैं।

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