बहनों ने केन्द्रीय जेल पहुंचकर अपने भाईयों की कलाई में राखी बांधी,झलके आंसू
ग्वालियर। सोमवार को रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों ने केन्द्रीय जेल पहुंचकर अपने भाईयों की कलाई में राखी बांधी। आसपास के शहरों से बहनें सुबह से ही ग्वालियर की केन्द्रीय जेल लगी थीं और शाम 4 बजे तक लगभग 15 हजार से अधिक बहनों केन्द्रीय जेल पहुंच चुकी थीं । वैसे तो राखी का मुहूर्त दोपहर 1.32 बजे के बाद का था। लेकिन सेंट्रल जेल में बिना मुहूर्त ही बहनों ने भाईयों से मिलकर राखी बांधी है।
सेंट्रल जेल में बन्द भाईयों की सूनी कलाईयों पर राखी बांधते ही बहन -भाई दोनों की आंखों से आंसू छलक आये। जेल में बने लड्डू से बहन औरे भाईयों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया है। जेल प्रशासन ने बाहर से कोई भी मिठाई अन्दर नहीं लाने दी है। जेल प्रबंधन ने बंदी भाईयों को राखी बांधने आने वाली बहनों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिये खुली जेल मैदान में टैंट लगाकर रक्षाबंधन की मुलाकात करवाई गयी।
जेल अधीक्षक विनीत सरवईया ने बताया- रक्षा बंधन पर इस बार बहनों को राखी के लिए जेल में आने की जेल मुख्यालय से अनुमति दी गई है। बहनें जेल आकर यहां पर सजा काट रहे अपने भाइयों को मंगल तिलक कर राखी बांध रही हैं।वहीं जेल में अपने भाइयों को राखी बांधने आने वाली महिलाओं को अपने साथ खानपान का सामान लाने के लिए प्रतिबंधित किया है। जेल में अब तक 15 हजार महिलाएं राखी बांधने पहुंच चुकी है, इस दौरान जेल में पुरुषों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।