नई दिल्ली। मोदी सरकार में निर्मला सीतारमण का सियासी सफर उपलब्धियों और चुनौतियों से भरा है। भारत के इतिहास में पूर्णकालिक रूप से वित्त मंत्री पद संभालने वाली पहली महिला हैं। दक्षिण भारत राज्य तमिलनाडु के मदुरै से लेकर लुटियंस दिल्ली तक उनकी धमक सियासी जमात की महिलाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक है।

निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था। उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया। वैश्विक आर्थिक विषयों में गहरी रुचि रखने वाली सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की। उनकी शैक्षणिक योग्यता और उनकी उभरती हुई राजनीतिक शख्सियत ने उन्हें वैश्विक मंच पर एक अलग पहचान दिलाई। भारतीय राजनीति में कदम रखने से पहले सीतारमण कॉर्पोरेट क्षेत्र में एक सफल पेशेवर रही है।

बीजेपी के बैनर तले 2006 में सीतारमण के राजनीतिक कैरियर की शुरूआत हुई। हाजिरजवाबी और बेहतर संवाद शैली की वजह से निर्मला सीतारमण पार्टी में तरक्की की सीढ़ियां चढ़ती गई। पार्टी ने उनकी बौद्धिक प्रखरता का सम्मान करते हुए पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया और प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी। विपक्ष में रहते हुए यूपीए सरकार की आर्थिक नाकामियों और नीतिगत खामियों को उजागर किया। 2014 में मोदी सरकार में उन्हें जगह मिली। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाया था। इस दौरान बतौर मंत्री उन्होंने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों का बचाव किया, जिसमें नोटबंदी और जीएसटी समेत तमाम फैसले शामिल थे।

आज की तारीख में सीतारमण सत्ता के केंद्र बिंदु साउथ ब्लॉक में आमद दर्ज कराने वाली देश की सबसे ताकतवर महिला हैं। नेपथ्य और लोकप्रियता से कोसों दूर रहकर सरकार को एजेंडे को अंजाम तक पहुंचाना निर्मला सीतारमण की कार्यशैली का अटूट हिस्सा है। वित्त मंत्री सीतारमण के नाम लगातार सात बजट पेश करने का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है।

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