वॉशिंगटन । बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के घरों और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। इसके खिलाफ अब अमेरिका में भी आवाज बुलंद होने लगी है। रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए चुनाव लड़ने वाले विवेक रामास्वामी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति को लेकर सवाल उठाया है। एक पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश का कोटा सिस्टम जो मूल रूप से 1971 के युद्ध के दौरान हुए बलात्कार और हिंसा के अन्याय को ठीक करने के लिए बनाया गया था उसी ने अब 2024 में बलात्कार और हिंसा की नई घटनाओं को जन्म दिया है। रामास्वामी ने सुझाव दिया कि बांग्लादेश की घटना अमेरिकी लोगों को महत्वपूर्ण सबक देती है। उनका कहना है कि बांग्लादेश के मुद्दे और संघर्ष अमेरिका की स्थितियों के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं और अमेरिकियों को यह विचार करना चाहिए कि वे इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए बांग्लादेश के अनुभव से क्या सीख सकते हैं। उन्होंने कहा, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लक्षित हिंसा गलत है। यह चिंताजनक है और यह पीड़ित-युक्त कोटा प्रणालियों के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने लिखा, बांग्लादेश ने अपनी आजादी के लिए एक खूनी युद्ध लड़ा। सैकड़ों हजारों बांग्लादेशी नागरिकों के साथ बलात्कार और उनकी हत्या कर दी गई। यह एक त्रासदी थी और इसका शोक मनाना भी उचित था। लेकिन इसके बाद बांग्लादेश ने अपनी सिविल सेवा में नौकरियों के लिए एक कोटा प्रणाली लागू की। 80 फीसदी नौकरियां विशिष्ट सामाजिक समूहों (स्वतंत्रता सेनानियों, बलात्कार पीड़ितों, कम प्रतिनिधित्व वाले निवासियों आदि) को आवंटित की गई। केवल 20 फीसदी नौकरियां मैरिट के आधार पर दी गईं। रामास्वामी ने कहा, कोटा प्रणाली एक आपदा साबित हुई। 2018 में विरोध प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश ने अधिकांश कोटा रद्द कर दिया, लेकिन इसके संरक्षकों ने संघर्ष किया और इस साल कोटा प्रणाली बहाल कर दी गई। इससे और अधिक विरोध प्रदर्शन हो गया और सरकार गिर गई। कट्टरपंथी अब अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। 1971 में बलात्कार और हिंसा की गलतियों को सुधारने के लिए बनाया गया कोटा सिस्टम अब 2024 में बलात्कार और हिंसा को जन्म दे रहा है।