नई दिल्ली। आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार सुबह सुनवाई करते हुए केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वकील ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत दिए जाने वाली दलील भी रखी, लेकिन उसका भी कोर्ट पर कोई असर नहीं हुआ और अगली सुनवाई 23 अगस्त तय कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार 14 अगस्त को केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा, कि उनके पक्ष में 3 बार जमानत के आदेश दिए जा चुके हैं। इनमें सेक्शन 45 का मामला भी है। उन्होंने बताया कि पीएमएलए ने मई माह में अंतरिम आदेश जारी किया था। इसके बाद पीएमएलए द्वारा जून में नियमित जमानत दे दी गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने पीएमएलए के आदेश पर रोक लगा दी। इसके साथ ही जमानत की अर्जी दी गई, लेकिन इन तमाम दलीलों के बाबजूद कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया और अगली पेशी 23 अगस्त की तय कर दी। यहां बताते चलें कि सिसोदिया मामले में भी इसी आशय की दलीलें कोर्ट में रखी गईं थीं, जिनमें कहा गया था कि मुकदमे में किसी प्रकार की कोई प्रोग्रेस ही नहीं हुई है और सिसोदिया को जमानत भी नहीं दी जा रही है। इसी आधार पर बुधवार को सिंघवी ने अदालत से कहा कि इस मामले पर शीघ्र सुनवाई की जानी चाहिए। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 मई, 2024 को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सिसोदिया जमानत की अर्जी लगाते हुए कहा था कि 2023 अक्टूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में किसी प्रकार की कोई प्रगति ही नहीं हुई है। राउज एवेन्यू कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने सिसोदिया को जमानत नहीं दी थी। गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में सिसोदिया की जमानत याचिका कई बार खारिज हुईं अंतत: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सिसोदिया की याचिका पर फैसला सुनाया और कहा कि जमानत के मामले में हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट सेफ गेम खेल रहे हैं। इसी के साथ उन्हें जमानत दे दी गई। यहां सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल मामले में भी यही उम्मीद की जा रही थी कि इस बार उन्हें जमानत मिल जाएगी, लेकिन कोर्ट ने सिसोदिया वाली दलील को भी नहीं माना और अगली सुनवाई के लिए तारीख तय कर दी है।