ढाका। बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शन और पीएम शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद अब आंदोलनकारी जजों को भी हटाने पर आमादा हैं और उनके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ भी प्रदर्शन शुरू हो गए तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने भी इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सैयद रेफात अहमद को सुप्रीम कोर्ट का नया चीफ जस्टिस नियुक्त किया है।

जस्टिस हसन के अलावा सुप्रीम कोर्ट की अपीलीय डिवीजन के पांच जजों ने भी पद से इस्तीफा दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट के जनसंपर्क अधिकारी मोहम्मद शफीकुल इस्लाम ने पत्रकारों को बताया कि हसन के इस्तीफे के बाद अपीलीय डिवीजन के जज मोहम्मद अशफाकुल इस्लाम को कार्यवाहक प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया है। हालांकि राष्ट्रपति ने तत्काल सैयद रेफात अहमद की नियुक्ति भी कर दी है।

चीफ जस्टिस ने अपना फैसला दोपहर करीब एक बजे उस समय सुनाया, जब भेदभाव विरोधी छात्र प्रदर्शनकारी कोर्ट परिसर में जमा हो गए। प्रदर्शनकारी छात्रों ने हसन और अपीलीय डिवीजन के जजों को दोपहर एक बजे तक इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी। नवगठित अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कुछ मिनट पहले ही इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा कानून मंत्रालय को मिल चुका है।

नजरुल ने कहा कि इस्तीफा राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को आवश्यक कदम उठाने के लिए बिना किसी देरी के भेजा जाएगा और उम्मीद है कि यह प्रक्रिया बहुत जल्द पूरी हो जाएगी। छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों के ताजा विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर ढाका विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ मकसूद कमाल और बांग्ला अकादमी के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ मोहम्मद हारुन-उर-रशीद असकरी सहित कई अन्य शीर्ष अधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।

चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में पत्रकारों को बताया कि उन्होंने बदलती परिस्थितियों के बीच देश भर में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और निचली अदालतों के जजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश भी इस्तीफा देंगे तो चीफ जस्टिस ने कहा कि यह उनका फैसला है। बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पीएम शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गई। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली।

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