स्व-सहायता समूह तिरंगे झंडों की शत-प्रतिशत आपूर्ति करें सुनिश्चित
1900 करोड़ रूपए लाड़ली बहनों के खातों में सिंगल क्लिक से होंगे अंतरित
10 अगस्त को विजयपुर जिला श्योपुर में होगा राज्य स्तरीय कार्यक्रम
जन्माष्टमी पर्व बनें सामाजिक समरसता का अभियान: प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों पर हो विशेष आयोजन
वर्षा काल में बरती जाएं विशेष सावधानियां : जिलों में कंट्रोल रूम करें प्रभावी रूप से कार्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए अधिकारियों को निर्देश
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में हर घर तिरंगा अभियान और स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को जन उत्सव के रूप में मनाया जाए। यह सुनिश्चित करें कि किसी भी वार्ड या ग्राम में तिरंगे झंडों की कमी न हो, शत-प्रतिशत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए स्व-सहायता समूहों के माध्यम से व्यवस्था की जाए। प्रदेश में रक्षाबंधन और जन्माष्टमी का पर्व सामाजिक समरसता के भाव के साथ उत्साह और उल्लास से मनाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में जारी वर्षा को देखते हुए सावधानियां बरतने और आवश्यक निगरानी व मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव समत्व भवन से प्रदेश स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मंत्रीगण, नगरीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों तथा संभाग व जिला स्तरीय अधिकारियों ने वर्चुअल सहभागिता की।
प्रदेश में 25 हजार स्थानों पर रक्षाबंधन और सावन उत्सव की थीम पर होगा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव 10 अगस्त को लाड़ली बहनों के खातों में 1900 करोड़ रुपए की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित करेंगे। विजयपुर के श्योपुर में होने वाले स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन और रक्षाबंधन कार्यक्रम में लाड़ली बहना योजना अंतर्गत अगस्त माह की राशि रुपए 1250 के साथ ही विशेष उपहार स्वरूप में लाड़ली बहनों के खातों में 250 रुपए अंतरित किए जाएंगे। दस अगस्त को रक्षाबंधन और सावन उत्सव की थीम पर प्रदेश में 25 हजार स्थानों पर एक साथ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त रक्षाबंधन की थीम पर 9 अगस्त को रानी दुर्गावती महिला सरपंच सम्मेलन, 11 अगस्त को महाविद्यालय तथा एनसीसी/एनएसएस बालिकाओं से संवाद, 12 अगस्त को देवी अहिल्याबाई शहरी क्षेत्र महिला महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षद सम्मेलन तथा 13 अगस्त में प्रदेश में महिला उद्योगपति सम्मेलन होंगे। इन कार्यक्रमों में “एक पेड़ मां के नाम अभियान” के तहत पौध-रोपण भी किया जाएगा। कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले शासकीय हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
78वें स्वतंत्रता दिवस पर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में लहराया जाए 78 फीट लंबा तिरंगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत देशभक्ति की भावना पर केंद्रित तिरंगा यात्राएं, तिरंगा रैली, तिरंगा मैराथन, तिरंगा संगीत कार्यक्रम, तिरंगा कैनवास, तिरंगा सेल्फी एवं तिरंगा मेले जैसी गतिविधियां जनभागीदारी से संचालित की जाएंगी। हर घर पर तिरंगा लगाने, तिरंगे के साथ डीपी लगाने के साथ ही वेब-साइटों पर तिरंगा बैनर लगाने की गतिविधियों को जन अभियान बनाया जाएगा। देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर में 78 फीट लंबा तिरंगा लहराया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि 10 अगस्त को होने वाले स्व- सहायता समूह सम्मेलन और लाड़ली बहनों के रक्षाबंधन कार्यक्रम में सभी जनप्रतिनिधि शामिल हों। राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सभी वार्ड और पंचायत में प्रसारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के पश्चात 11 अगस्त से प्रदेश में घर-घर तिरंगा अभियान की गतिविधियां आरंभ की जाए।
पुलिस बैंड को कार्यक्रमों से जोड़ते हुए तिरंगा यात्राएं निकाली जाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी का पर्व केवल एक दिन के औपचारिक रूप से न मनाया जाए। ये दिन लंबी गुलामी के बाद मिली स्वतंत्रता के प्रतीक हैं। अतः शासकीय संस्थाओं के साथ-साथ संपूर्ण समाज को साथ लेकर इन राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन हो। इन पर्वों के समान ही हर घर तिरंगा अभियान की गतिविधियों का संचालन पूर्ण गरिमा के साथ किया जाए। जिला स्तर पर उपलब्ध पुलिस बैंड को कार्यक्रमों से जोड़ते हुए तिरंगा यात्राएं निकाली जाए। जिलों में स्थित शहीद स्मारकों, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े स्थलों पर विशेष रूप से तिरंगा यात्राओं का आयोजन किया जाए।
हर घर तिरंगा उपलब्ध कराने में निजी संस्थाएं और व्यक्ति भी करें सहयोग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की सभी वार्ड और पंचायत में तिरंगे ध्वज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निजी व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा तिरंगा ध्वज उपलब्ध कराने की इच्छा व्यक्त करने पर उनका भी सहयोग लिया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव ने बताया कि स्व-सहायता समूह के पास पर्याप्त तिरंगे ध्वज उपलब्ध हैं। पंचायत स्तर तक स्व-सहायता समूह द्वारा तिरंगे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
रानी दुर्गावती और देवी अहिल्या बाई का भी स्मरण किया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रानी दुर्गावती का 500वां जयंती वर्ष और देवी अहिल्या का 300वां जयंती वर्ष चल रहा है। रानी दुर्गावती का संघर्ष स्वतंत्रता के लिए ही था और देवी अहिल्या का काल सांस्कृतिक उत्थान और आदर्श शासन व्यवस्था का काल रहा। सांस्कृतिक एकता और सांस्कृतिक राष्ट्रवादी अवधारणा के क्रियान्वयन के लिये उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया। देश उनका स्मरण करते हुए नमन कर रहा है। अतः रानी दुर्गावती और देवी अहिल्या बाई की स्मृतियों को भी हर घर तिरंगा अभियान में जोड़ा जाए।
भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े प्रसंगों और मंदिर शिल्प पर हों परिचर्चाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के कई स्थान भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े हैं, अत: प्रदेश में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जाए, जिन मंदिरों में अधिक भीड़ होने वाली है, उनकी साफ सफाई तथा अन्य व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। भगवान कृष्ण से जुड़े स्थानों जैसे अमझेरा, उज्जैन, नारायणा आदि में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े प्रसंगों पर विद्वानों की परिचर्चाएं भी आयोजित की जाएं। विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से नन्हें बच्चों को जन्माष्टमी पर्व से जोड़ा जाए। मटकी फोड़ आयोजनों में विशेष सावधानी बरती जाए। प्रयास यह हो कि जन्माष्टमी पर्व सामाजिक समरसता का बड़ा अभियान बनें। मंदिर हमारी जीवनशैली का अभिन्न अंग है और सांस्कृतिक गतिविधियों व संस्कारों का केंद्र भी है। अतः मंदिर निर्माण व शिल्प के विविध पहलुओं और आदर्श मंदिरों की व्यवस्था पर भी परिचर्चाएं आयोजित की जाएं। त्यौहारों पर ऐसे आयोजनों से विश्वविद्यालयों को भी जोड़ा जाए।
वर्षाकाल में अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखें
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रदेश में अति वर्षा का समय चल रहा है। अतः सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। प्रत्येक जिलें में जिला कंट्रोल रूम प्रभावी रुप से कार्य करें। अधिकारी मैदानी अमले के साथ स्थिति पर लगातार नजर रखें। क्षतिग्रस्त मकान, स्कूल आदि की स्थिति की मॉनिटरिंग के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष दल बनाए जाएं। पुल-पुलियाओं पर पानी आने की स्थिति में चौकसी बरती जाए, पानी उतरने के बाद कीचड़ या फिसलन से कोई दुर्घटना ना हो, इसका भी ध्यान रखा जाए। सड़कों के दोनों ओर शोल्डरों की स्थिति पर विशेष नजर रखें।