नई दिल्ली। केदारघाटी से लेकर कुल्लू मनाली तक बाढ और बारिश के कहर का मंजर दिखाई देता है। गांव के गांव तबाही से बिखरे पड़े हैं। यहां जगह जगह भारी भरकम पत्थर पड़े दिखाई दे रहे हैं। मलबे में घर दबे है और जेसीबी मशीने अपना काम कर रहीं है। सोमवार तड़के से डीडीएमओ नंदन सिंह रजवार के नेतृत्व में डॉग स्क्वायड रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया है। वहीं, सोमवार सुबह 100 लोगों को सुरक्ष बलों की देखरेख में श्री केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना कर दिया गया है। इन यात्रियों को लिनचोली से एयर लिफ्ट कर शेरसी हैलीपैड पर उतारा जाएगा। कुछ यात्रियों को पैदल मार्ग से लिंचोली भेजा गया। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमें जंगल एव मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। उत्तराखंड में भी कुदरत ने रौद्र रूप दिखाया। भारी बारिश से केदारघाटी में तबाही मची है। उत्तराखंड की केदार घाटी में बादल फटने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।

एनडीआरएफ,एसडीआरएफ और सेना लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। हर एक शख्स को सुरक्षित निकालने की कोशिश में लगी है। प्रशासन के मुताबिक, केदारनाथ के रास्ते में भीमबली, गौरीकुंड से यात्रियों को बाहर निकालने का प्रयास जारी है। यात्रियों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर का भी सहारा लिया जा रहा है।सोनप्रयाग में रेस्क्यू का काम इसलिए भी मुश्किल है कि क्योंकि 31 जुलाई से अब तक 300 से ज्यादा सड़कें लैंडस्लाइड की वजह से बंद हो चुकी हैं। कई टीमें रास्तों को फिर से ठीक करने में जुटी हैं। इस बीच मौसम विभाग ने चमोली, बागेश्वर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश से पहले प्रशासन यात्रियों को सुरक्षित निकालने में जुटा हुआ है। रविवार देर शाम तक स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान जारी रहा। लिनचोली से रामबाड़ा क्षेत्र तक सर्च अभियान पूरा किया जा चुका है, जिसमें अब तक किसी व्यक्ति के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। मॉनसून की बारिश अगस्त के महीने में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ऐसी आफत लेकर आई कि जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं। मौसम का ऐसा रोद्र रूप दिखाई दे रहा है कि नदी-नाले उफान पर हैं। हिमाचल और उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। सैलाब ने घर, दुकानें, खेत-खलिहान सब कुछ तबाह कर दिए हैं। मौसम का सितम लोगों की जान पर भी भारी पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली और लाहौल-स्पीति में कुदरत का कहर टूटा है, जहां बादल फटने से जबरदस्त तबाही मची है। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के बाद मची तबाही को संभालने की कोशिशें जारी हैं। रामपुर, मंडी, कुल्लू के सुदूर इलाकों से बर्बादी की तस्वीरें और खौफनाक कहानियां सामने आ रही हैं। इस बीच कुदरत का कहर लाहौल-स्पीति पर भी बरपा है,जहां बादल फटने के बाद कई गांवों में मलबा बिखरा हुआ है। स्पीति के सगनम गांव में जगह-जगह बिखरी चट्टानें नजर आ रही हैं। मलबे में दबे घर दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि हिमाचल में बादल फटने की इस घटना में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 40 लोग अभी लापता है। लाहौल स्पीति पर मौसम की जैसी मार पड़ी है, उससे स्थानीय निवासी भी हैरान हैं। दावा है कि स्पीति में ऐसे हालात उन्होंने पहले कभी नहीं देखे। वहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन जोरों पर जारी है। मनाली-कुल्लू में भी जगह-जगह पर रास्तों से मलबा और पत्थर हटाने का काम किया जा रहा है। कोशिश यही है कि जल्द से जल्द व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके। इस बीच मौसम विभाग ने अभी आसमानी आफत नहीं टलने के आसार जताए हैं। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में अगले 6 दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

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