पेरिस। राजधानी पेरिस में ओलंपिक खेलों को उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया था। समारोह में दिखाई गई एक झांकी को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है। ड्रैग क्वीन थीम के साथ ईसा मसीह के अंतिम भोज की झांकी दिखाई गई थी। हालांकि ईसाइयों ने इस पर आपत्ति करते हुए गुस्सा जाहिर किया है। दरअसल अगर कोई कॉमेडी करने के लिए ऑपजिट जेंडर के कपड़े पहनता है तो उसे ड्रैग कहा जाता है। दरअसल आम तौर पर पुरुष मनोरंजन के लिए फीमेल के कपड़े पहनते हैं और बढ़ा-चढ़ाकर मेकअप करते हैं। समलैंगिक पुरुषों को भी इस श्रेणी में रखा जाता है।

दरअसल इस झांकी में ड्रैग क्वीन्स के बीच में ईसा मसीह की नकल की गई। एक महिला को यीशु के रूप में दिखाया गया जो कि कलाकार लियोनार्दो द विंची की एक पेंटिंग द लास्ट सपर से प्रेरित थी। यहां देवदूतों की जगह पर अजीब मेकअप किए हुए ड्रैग क्वीन्स खड़े थे। इसमें मुकट पहने एक प्लस साइज की महिला दिखाई गई जिसे पेंटिंग में यीशू की जगह खड़ा कर दिया गया था। दरअसल यीशू के अंतिम भोज को ईसाई धर्म में बेहद अहम और पवित्र घटना माना जाता है। सूली पर चढ़ने से पहले येरुशलम में ईसा मसीह ने अपने अनुयायियों के साथ अंतिम बार भोजन किया था। इस झांकी पर एलन मस्क ने भी नाराजगी जताई और कहा कि यह बेहद अपमानजनक है। बता दें कि आम तौर पर स्टेडियम में होने वाली देशों की परेड की परंपरा से अलग यहां छह किलोमीटर की परेड आस्टरलिज ब्रिज से शुरू हुई जिसमें 85 नावों में 205 देशों के 6800 से अधिक खिलाड़ी सवार थे और एक शरणार्थी ओलंपिक टीम भी थी।

सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर लोग जमकर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। एक यूजर ने कहा, यह सब पूरी तरह कूड़े के जैसा है। ओलंपिक के उद्घाटन में यह सब दिखाना बेहद शर्मनाक है। एक अन्य यूजर ने कहा, यह ओलंपिक खेलों में आतंकवाद का बेस्वाद प्रदर्शन है। उद्घाटन समारोह में नावें शहर की ऐतिहासिक इमारतों कैथेड्रल आफ नोत्रे डेम, लावरे म्युजियम और कुछ आयोजन स्थलों से होकर गुजरीं। अमेरिकी पॉपस्टार लेडी गागा ने अपने सुरों से समा बांधा। उद्घाटन समारोह का निर्देशन थॉमस जॉली ने किया था । कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिये दुनिया भर में मशहूर मिनियंस और एक लापता मोनालिसा भी थे जो आखिरकार सीन नदी में तैरते मिले। शहर में उद्घाटन समारोह के लिये दो लाख से अधिक मुफ्त टिकट दिए गए थे जबकि एक लाख से अधिक टिकट बिके थे। उद्घाटन समारोह की सुरक्षा के लिये काफी चाक चौबंद उपाय किये गए थे और भारी तादाद में पुलिसबल तथा सैनिक जगह जगह तैनात थे। समारोह में 18वीं सदी की फ्रांसीसी क्रांति की बानगी देता भी एक भाग था। आयोजकों ने सुरक्षा और लॉजिस्टिक की चुनौतियों से पार पाते हुए पूरे शहर को उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनाकर अभूतपूर्व नजारा पेश किया।

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