नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने शुक्रवार को जनगणना के संचालन को प्राथमिकता देने और इसको जल्द पूरा करने के लिए सरकार को एक समयसीमा बताने के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। गोगोई ने इस नोटिस में कहा कि वह सदन की कार्यवाही स्थगित करने के लिए एक प्रस्ताव लाने की अनुमति मांगने के अपने इरादे की सूचना दे रहे हैं। इसका मकसद तत्काल एक निश्चित मामले पर चर्चा करना है। जनगणना एक मौलिक अभ्यास है जो नीति निर्माण, संसाधन आवंटन और हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को समझने के लिए अहम डेटा प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि पिछली जनगणना 2011 में की गई थी। सरकार के आश्वासन के बावजूद भी अगली जनगणना शुरू करने में बेवजह की देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि समय पर और सटीक जनगणना के आंकड़ों का नहीं होना सरकार के फैसले लेने की क्षमता को एक चुनौती है। जनसंख्या जनसांख्यिकी, साक्षरता दर, गरीबी के स्तर और अन्य महत्वपूर्ण संकेतकों की स्पष्ट समझ के बिना, लोगों की दबावपूर्ण जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के वैश्विक जनगणना ट्रैकर के मुताबिक, 150 देशों ने 2020 और 2021 में अपनी जनगणना करने का कार्यक्रम बनाया था। इसमें चीन, बांग्लादेश, नेपाल समेत 94 देशों ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जनगणना पूरी कर ली। वहीं, 52 देशों ने जनगणना को नई तारीख तय करने तक स्थगित कर दिया था। भारत उन तीन देशों में शामिल है, जिन्होंने बिना तारीख के जनगणना को स्थगित कर दिया है। सांसद गोगोई ने आगे कहा कि सरकार ने वर्तमान में 2011 के आंकड़ों पर आधारित है। यह भारत की जनसंख्या की वर्तमान जरूरतों का सटीक प्रतिनिधित्व नहीं है।