नई दिल्ली। विशेष सत्र में नई सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में काफी शोर हुआ था. आज बजट सत्र के पहले दिन मीडिया के सामने आए पीएम ने उसका जिक्र करते हुए कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को जमकर सुनाया. पीएम ने बरसते हुए कहा कि वो पहला सत्र था, 140 करोड़ देशवासयों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का हुक्म किया, उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ. ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का… उनकी आवाज रोकने, उनकी आवाज को दबाने का प्रयास हुआ. पीएम ने तल्ख लहजे में कहा कि लोकतांत्रिक परंपराओं में इसका कोई स्थान नहीं हो सकता और (उन्हें) इसका कोई पश्चाताप नहीं है।

पीएम ने कहा कि पिछले सत्र में विपक्षी दलों ने कोशिश की कि मैं संसद में बोल न सकूं, लोकतंत्र में ऐसी रणनीति का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कुछ दलों की ‘नकारात्मक राजनीति’ की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने संसद के समय का उपयोग अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए किया।

मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करूंगा कि वे अगले पांच साल तक देश के लिए साथ मिलकर लड़ें

उन्होंने कहा कि मैं देश के सभी दलों के सांसदों से आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं कि गत जनवरी से लेकर हम लोगों के पास जिनता सामर्थ्य था उस सामर्थ्य से जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली, जनता को जो बात बतानी थी बता दी. किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया तो किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया.

मोदी ने कहा कि अब वो दौर समाप्त हुआ, देश ने अपना निर्णय दे दिया है, अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीति दलों की विशेष जिम्मेदारी है कि आने वाले पांच वर्षों के लिए हमें देश के लिए लड़ना है, देश के लिए जूझना है और एक और नेक बनकर जूझना है. मैं सभी राजनीतिक दलों से भी कहूंगा कि आइए, हम 4-4.5 साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ और सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद के इस गरिमापूर्ण मंच का उपयोग करें.

पीएम ने आगे कहा कि जनवरी 2029, जब चुनाव का वर्ष होगा, तब आप जाइए मैदान में, सदन का उपयोग करना है, तो कर लीजिए, 6 महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए. लेकिन तब तक देश के युवा, किसान, महिला के सामर्थ्य के लिए, उनको सशक्त करने के लिए जनभागीदारी का एक आंदोलन खड़ा करके 2047 के संकल्प को पूरा करने के लिए हम पूरी ताकत लगाएं.

सावन पर दी शुभकामनाएं

इससे पहले पीएम ने कहा कि आज सावन का पहला सोमवार है. इस पवित्र दिवस पर एक महत्वपूर्ण सत्र का प्रारंभ हो रहा है. सावन के पहले सोमवार पर मैं देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. आज संसद का मॉनसून सत्र भी आरंभ हो रहा है. देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला हो।

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