उज्जैन : उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भले ही दुकानों पर नाम-मोबाइल नंबर लिखने का आदेश अब जारी किया हो, लेकिन मध्य प्रदेश में यह आदेश पिछले एक साल से जारी है. हालांकि दुकानदार, सरकार के इस आदेश पर अमल नहीं कर रहे थे. अब यूपी, उत्तराखंड के बाद मध्य प्रदेश के इस शहर में जुर्माने तक का नियम बन लागू कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले सभी दुकानदारों को दुकान पर नेम प्लेट लगाने का निर्देश दिया है. इस आदेश के तरह कांवड़ रूट पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों, दुकानों और ठेलों पर दुकानदारों को अपनी नेम प्लेट लगानी होगी. यूपी सरकार के इस आदेश के बाद उत्तराखंड में इस तरह के आदेश जारी हुए, अब मध्यप्रदेश में इस तहर का नियम लागू हुआ है. जानें पूरा मामला.
उज्जैन में दुकानदारों को अपने नाम और नंबर लिखने के आदेश
उज्जैन नगर निगम ने दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर नाम और मोबाइल नंबर लिखने का आदेश दिया है. यह निर्देश उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के लिए इसी तरह के आदेश के बाद आया है. उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल ने कहा कि उल्लंघन करने वालों को पहली बार अपराध करने पर 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और दूसरी बार उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. महापौर ने कहा कि इस आदेश का उद्देश्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है और मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाना नहीं है.
2002 में मध्यप्रदेश में बना नियम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का गृहनगर उज्जैन अपने पवित्र महाकाल मंदिर के लिए जाना जाता है, जहां सावन महीने के दौरान दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं. टटवाल ने कहा कि उज्जैन की ‘महापौर-इन-काउंसिल’ ने 26 सितंबर, 2002 को दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, उसके बाद निगम सदन ने इसे आपत्तियों और औपचारिकताओं के लिए राज्य सरकार को भेज दिया था. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में नगर निगम द्वारा एक साल पहले ही आदेश जारी किया गया था, जिसमें स्पष्ट था कि दुकानदार को अपनी दुकान के सामने नाम और डिटेल्स लिखना होगा.
उज्जैन नगर निगम का प्रस्ताव क्या था?
- नगर निगम सीमा में आने वाले होटल, लॉज, रेस्टोरेंट की नेम प्लेट हिंदी भाषा में होना जरुरी है.
- सभी होटल, लॉज, रेस्टोरेंट के फ्रंट की साइज के अनुपात में साइन बोर्ड लगाए जाएंगे.
- साइन बोर्ड पर अक्षर के आकार सामान्य होकर इस तरह से होंगे कि वह दूर से दिखाई दें.
- किसी प्रतिष्ठान पर ग्लोसाइन बोर्ड का इस्तेमाल होता है तो उसके अक्षर अनिवार्य रूप से लाल रंग के होंगे.
- संस्थापक-संचालक का नाम और मोबाइल नंबर, दुकान-संस्थान के रजिस्ट्रेशन का जिक्र साइन बोर्ड में किया जाए.
- निर्धारित समयावधि में नाम पट्टिका नहीं लगाने पर पहली बार में 2 हजार का जुर्माना, दूसरी बार 5 हजार का जुर्माना देना पड़ेगा.
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिया था प्रस्ताव
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान 2 अप्रैल 2022 को उज्जैन में गुढ़ी पड़वा के मौके पर विक्रमोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. इस दौरान तत्कालीन सीएम चौहान ने कहा था कि उज्जैन धार्मिक नगरी है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. होटल रेंस्टोरेंट, लॉज और दुकान संचालकों ने अंग्रेजी में साइन बोर्ड लगा रखे हैं. तत्कालीन सीएम ने अपील की थी कि दुकान, होटल, लॉज व्यापारी अंग्रेजी की जगह हिंदी साइन बोर्ड का प्रयोग करें.
नियमों को सख्ती से पालन कराएंगे:मेयर,उज्जैन
उज्जैन के मेयर मुकेश टेटवाल के अनुसार उज्जैन में देशभर से श्रद्धालु आते हैं. उनकी भावनाएं जुड़ी हैं. नगर निगम जो गुमाश्ता लाइसेंस देता है, उसमें भी नियम है कि दुकानों पर नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाएं. इसका सख्ती से पालन करवाएं.
यूपी के बाद अब उत्तराखंड में भी दुकानदारों को लिखना होगा ‘नाम’
योगी सरकार के लिए फैसले के बाद प्रदेश की धामी सरकार ने भी यह फैसला लिया है कि दुकानदारों को उनकी दुकान के आगे नाम लिखना होगा. दुकान मालिक और वहां कार्यरत स्टॉफ का नाम लिखना जरूरी है. फिलहाल दुकानदारों का वेरिफिकेशन तेजी से किया जा रहा है. वहीं, रुड़की में भी 22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने भी हाइवे पर बने ढाबों का सत्यापन शुरू कर दिया है. यूपी में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के सामने नेम प्लेट लगाने के आदेश पर संग्राम छिड़ा हुआ है. इस पर नेताओं के बाद बॉलीवुड सेलिब्रिटी और सेलिब्रिटी पॉलिटिशियन के बीच भी डायलॉगबाजी शुरू हो गई है.