गोंडा। गोंडा में गुरुवार दोपहर 2.37 बजे चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की 21 बोगियां पटरी से उतर गईं। हादसे में 4 यात्रियों की मौत हो गई, 25 घायल हैं। हादसे की वजह जानने के लिए रेल संरक्षा आयुक्त रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रेलवे जांच टीमों को ट्रैक अपनी मौजूदा स्थिति से करीब 4 फीट खिसका हुआ मिला है।
जानकारी के मुताबिक, ट्रेन के डिरेल होने के 2 कारण होते हैं। पहला- ट्रैक की खामी। दूसरा- इंजन-कोच के पहियों में गड़बड़ी। 3 साल से इस ट्रैक का काम चल रहा है, इसलिए हादसे का कारण ट्रैक में गड़बड़ी को माना जा रहा है। रेलवे बोर्ड के सीनियर अफसर ने दावा किया कि हादसे में ट्रैक में तोड़फोड़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा- लोको पायलट ने हादसे से पहले तेज धमाके की आवाज सुनी। इस आशंका को देखते हुए हाई लेवल जांच के आदेश दिए गए हैं। ट्रैक के पास पानी भरा था। इसकी वजह से ट्रैक कमजोर होने की आशंका है। यही वजह है कि फोरेंसिक टीम ने पटरी का लोहा और मिट्टी का सैंपल लिया है। रेलवे अधिकारियों को घटनास्थल के हालात देखने के बाद हादसे की कुछ वजहें समझ आ रही हैं। इनमें एक तो स्पॉट के पास गड्ढे, पानी भरा था, ट्रेन दौड़ी तो पटरी खिसक गई। इसके अलावा ट्रैक पर 15-20 की स्पीड से चलनी थी ट्रेन, लेकिन तेज दौड़ी और दुर्घटनाग्रस्त हो गई ।