दिल्ली :भारत सरकार फिलिस्तीन शरणार्थियों की मदद के लिए आगे आई है। सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए युद्ध की विभीषिका का प्रतिफल झेल रहे फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली किश्त जारी की है। सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डालर के अपने वार्षिक योगदान के हिस्से के रूप में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 2.5 मिलियन अमेरिकी डालर की पहली किश्त जारी की है।

भारत का रुख

इससे पहले भारत ने फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी ऐतिहासिक और अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वार्ता के माध्यम से ‘‘द्वि-राष्ट्र समाधान’’ का समर्थन किया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रभारी राजदूत एवं उप स्थायी प्रतिनिधि आर.रवीन्द्र ने बीते शुक्रवार (12-07-2024) को फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के एक सम्मेलन में यह बयान दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा बातचीत के माध्यम से द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है, जिससे एक संप्रभु, स्वतंत्र और सक्षम फलस्तीन देश की स्थापना हो सके।’’

भारत का पक्ष

फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के सम्मेलन में भारत का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा था कि भारत ने गाजा में जारी इजराइल-हमास संघर्ष पर सैद्धांतिक रुख अपनाया है और नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के हताहत होने की कड़ी निंदा की है।

भारत उपलब्ध करवा रहा है दवाइयां

भारत के प्रभारी राजदूत एवं उप स्थायी प्रतिनिधि आर.रवीन्द्र ने कहा था कि मुश्किलों को कम करने में यूएनआरडब्ल्यूए की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के लिए एक भरोसेमंद साझेदार रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत फिलिस्तीन के 50 छात्रों को भारत के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत यूएनआरडब्ल्यूए के विशेष अनुरोध पर उसे दवाइयां भी उपलब्ध करा रहा है।

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