-594 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे से पश्चिमी और पूर्वी यूपी की दूरी होगी कम

नई दिल्ली । उत्तरप्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे किसी प्रदेश में बनने वाला अब तक का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य तेजी से जारी है और इसी साल के अंत तक इसके पूरा होने की संभावना है। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दिशा में यह एक्सप्रेस-वे मील का पत्थर साबित होगा। महाकुंभ-2025 से पहले दिसंबर 2024 तक इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। सीएम योगी ने पहले ही इस एक्सप्रेस-वे का काम महाकुंभ-2025 से पहले करने का संकल्प लिया था। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाली इस 594 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे से पश्चिमी और पूर्वी यूपी के बीच की दूरी कम हो जाएगी।

यह एक्सप्रेस-वे उत्तरप्रदेश के 12 जिलों और 518 गांवों से होकर निकलेगा। इसका निर्माण 36,230 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। इसको शुरुआत में सिक्सलेन का बनाया जा रहा है लेकिन इसे आगे चलकर इसे आठ लेन का किया जाएगा।

इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण चार कंपनी कर रही है। मेरठ से बदायूं का निर्माण मेसर्स आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर, बदायूं से हरदोई, हरदोई से उन्नाव और उन्नाव से प्रयागराज का निर्माण मेसर्स अडाणी इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया जा रहा है। अब तक करीब 82 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है। इस एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर के जलालाबाद के पास एक हवाई पट्टी भी होगी। इस हवाई पट्टी की लंबाई साढ़े तीन किलोमीटर है। इसका मकसद आपात स्थिति में बड़े बोइंग विमान को उतारने की है। इस एक्सप्रेस-वे पर दो मुख्य जबकि अन्य स्थानों पर 15 रैम्प टोल प्लाजा बनाए जाएंगे।

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