नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट नीट मामले की अहम सुनवाई करने जा रहा था, लेकिन इसे अब अगली तारीख 18 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच अगले गुरुवार को नीट परीक्षा में अनियमितता और री-एग्जाम की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सीबीआई ने बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश कर दी है। नीट पेपर लीक मामले में केंद्र और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए ने 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश किया था, जिसमें कहा गया कि वह नीट परीक्षा दोबारा नहीं कराना चाह रही है। एनटीए के इस हलफनामें के बाद आज गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी है। सीबीआई रिपोर्ट में कहा गया कि नीट पेपर लीक केवल एग्जाम सेंटर्स तक सीमित रहा है, सोशल मीडिया पर लीक नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को नीट मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र से कई सवालों के जवाब चाहे थे और साफतौर पर यह कहा था कि यदि पेपर सोशल मीडिया पर लीक हुआ है तो फिर यह जंगल में आग की तरह फेला होगा अत: दोबारा परीक्षा करवाने की दिशा में सोचना होगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक अहम सवाल करते हुए कहा, कि यह मानते हुए कि हम परीक्षा रद्द नहीं करने जा रहे हैं, तो धोखाधड़ी के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए आज हम क्या करने जा रहे हैं? उन्होंने पुन: सवाल किया कि लाभार्थियों की पहचान करने के लिए सरकार ने अभी तक क्या किया है? नीट परीक्षा पुन: कराए जाने को लेकर सीजेआई का कहना था कि ऐसी स्थिति में जहां उल्लंघन से पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई हो और लाभार्थियों को अन्य लोगों से अलग करना संभव नहीं हो, वहां पुन: परीक्षा के आदेश देना आवश्यक हो सकता है। इसी के साथ ही चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि नीट यूटी 2024 की सुचिता से समझौता हुआ है तो परीक्षा रद्द होनी चाहिए। आज सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में पेश कर दी है और अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी, जिस पर संपूर्ण देश की नजरें टिकी हुई हैं।

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