सैन फ्रांसिस्को । टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क एक ऐसी तकनीकी पर काम कर रहे हैं जिससे इंसानी दिमाग को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए कई कंपनियां काम कर रही हैं। ‘न्यूरालिंक’ उन्ही में से एक है। यह कंपनी न्यूरल इंटरफेस टेक्नोलॉजी पर काम करती है। यह कंपनी अपने पहले रोगी के बाद अब दूसरे रोगी का ब्रेन चिप के जरिए टेस्ट करने जा रही है। टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने कहा कि न्यूरालिंक, अपने दूसरे रोगी के टेस्ट आगे बढ़ रही है। क्योंकि, दिमाग और कंप्यूटर को जोड़ने वाली तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है। दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लाइव स्ट्रीम के दौरान, एलन मस्क और न्यूरालिंक की टीम ने ब्रेन ट्रांसप्लांट को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने में कंपनी की तरक्की से जुड़े सवालों का जवाब दिया।

दरअसल न्यूरालिंक, एक ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पावर्ड माइक्रो चिप है जो ब्रेन की एक्टिविटी को रिकॉर्ड और पढ़ सकती है। खास बात है कि इसकी मदद से लोगों को दिमागी अक्षमता को दूर करने में मदद मिलेगी। कंपनी का दावा है कि यह चिप आपके मन के विचारों को जान सकती है। एलन मस्क का कहना है कि वह इस तकनीक के जरिए लोगों को सुपर पावर देना चाहते हैं, साथ ही वे चाहते हैं कि मानव मस्तिष्क सामान्य से और अधिक कुशलता के साथ काम करे।

इससे पहले जनवरी में, न्यूरालिंक ने एक व्यक्ति के मस्तिष्क में डिवाइस का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया था। यह व्यक्ति गोताखोरी के दौरान हुई दुर्घटना में कंधे से नीचे तक लकवाग्रस्त हो गया था। न्यूरालिंक में हुए इम्प्लांटेशन के बाद इस व्यक्ति ने शतरंज, वीडियो गेम खेलने और अपने मस्तिष्क से कंप्यूटर स्क्रीन को नियंत्रित किया। एलन मस्क का टेक्नोलॉजी में बड़ा इंटरेस्ट है और वे इस क्षेत्र में हमेशा कुछ नया करने की सोच रखते हैं। न्यूरालिंक उनकी इसी सोच का नतीजा है। न्यूरल इंटरफेस टेक्नोलॉजी वाली ये कंपनी अपनी एक खास चिप को लेकर काफी चर्चा में है।

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