मॉस्को। भारत और रुस की दोस्ती कई दशक पुरानी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में इन रिश्तों को और अधिक मजबूत किया। यही कारण की रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पीएम नरेंद्र मोदी पर काफी भरोसा करते हैं। समय समय पर वे उनकी बात भी मान लेते हैं। मॉस्को पहुंचे पीएम मोदी ने पुतिन से उन भारतीयों के बारे में बात की जो रुसी सेना की तरफ से युद्ध लड़ रहे हैं। रूसी सेना की ओर से लड़ रहे कई भारतीयों की मौत भी हो चुकी है। इसी बीच रूस ने जानकारी दी है कि उनकी सेना की ओर से लड़ रहे भारतीय नागरिकों को छुट्टी दी जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्राइवेट डिनर पर बातचीत के दौरान ये मुद्दा उठाया था। राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी की बात को मानते हुए रूसी सेना में फंसे भारतीय युवाओं की वापस स्वदेश भेजने का फैसला किया।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी 4 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से पहले अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया था। यूक्रेन के खिलाफ रूस की ओर से युद्ध में लड़ते हुए कम से कम दो भारतीयों की मौत हो गई है, जबकि युद्ध क्षेत्र में फंसे दर्जनों लोगों का दावा है कि उन्हें धोखे से युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। जानकारी के मुताबिक, अभी भी 30 से 40 भारतीय रूसी सेना के साथ काम करने पर मजबूर हैं।

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