नई दिल्ली : हाथरस सत्संग के दौरान मची भगदड़ के बाद पहली बार भोले बाबा सामने आए हैं। शनिवार सुबह एक मीडिया चैनल से बाबा ने कहा कि वह सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की घटना से दुखी हैं और संगत को इस दुखी की घड़ी से उबरने की शक्ति दें। सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा रखें। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवी हैं, वो बख्शे नहीं जाएंगे। हमारी समिति मृतकों के परिजन और घायलों की तरह से मदद करेगी।

भोले बाबा का यह बयान हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी और सेवादार देवप्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के बाद आया है। शुक्रवार देर रात हाथरस हादसे के मुख्य आयोजक देवप्रकाश ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। इसकी पुष्टि खुद भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने की थी। उन्होंने कहा कि देवप्रकाश दिल के मरीज है। तबीयत ठीक नहीं थी। उत्तरप्रदेश पुलिस ने उन पर एक लाख का इनाम रखा था।

हाथरस हादसे की जांच कर रही एसआईटी ने दावा किया कि भगदड़ लापरवाही और बदइंतजामी की वजह से हुई। अधिकारी हालात परखने में फेल हुए हैं। रिपोर्ट में जिले के प्रमुख अफसरों समेत 90 लोगों के बयान लिए गए हैं। अभी तक जो भी सबूत मिले हैं, उनमें आयोजक दोषी साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है।

आगरा जोन के अतिरिक्ति पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ एसआईटी प्रमुख हैं। हाथरस हादसे की जांच तीन सदस्यीय एसआईटी कर रही है। विस्तृत जांच अभी आना जारी है, जिसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। हादसे में पुलिस ने चार जुलाई को बाबा के छह सेवादारों को गिरफ्तार किया था। इनमें दो महिलाएं भी हैं। देवप्रकाश की गिरफ्तारी के बाद यह संख्या सात हो गई है।

हाथरस हादसे पर बसपा सुप्रीमो मायावती का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने अपने एक्स पर लिखा-देश में गरीबों, दलितों को अपनी गरीबी व दुख दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे बाबाओं के अंधविश्वास और पाखंड के बहकावे में आकर अपना दुख और नहीं बढ़ाना चाहिए, बल्कि डॉ. अंबेडकर के बताए रास्ते पर चल कर इन्हें सत्ता अपने हाथों में लेकर तकदीर बदलनी होगी। यानी इन्हें बसपा से जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे कांड से बच सकते हैं। हाथरस कांड में भोले बाबा समेत जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे और बाबाओं के खिलाफ भी कार्रवाई होनी जरूरी है।

हाथरस भगदड़ की घटना पर भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा कि हाथरस मामले में एफआईआर में नामजद देवप्रकाश मधुकर ने एसआईटी, एसटीएफ और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है, देवप्रकाश को मुख्य आयोजक बताया गया था। उन्होंने कहा कि मेरा वादा था कि हम कोई अग्रिम जमानत नहीं लेंगे, कोई अर्जी नहीं देंगे और किसी कोर्ट में नहीं जाएंगे, क्योंकि हमने क्या किया है? हमारा अपराध क्या है? हमने आपसे कहा था कि हम देवप्रकाश मधुकर से सरेंडर करवाएंगे। हमने उसे एसआईटी को सौंप दिया है। अब पूरी जांच हो सकती है…उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाना चाहिए, वह दिल के मरीज हैं और उसके साथ कुछ गलत नहीं होना चाहिए।

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