नई दिल्ली। कुछ लोग हिंदू राष्ट्र,हिंदू राष्ट्र का राग अलाप रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है। यह बात नोबेल पुरस्कार विजेता अमृत्य सेन ने एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने का विचार उन्हें सही नहीं लगता है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस की पूर्व सरकारों और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली मौजूदा एनडीए सरकार को भी कई मुद्दों पर घेरा।

मीडिया से बातचीत में सेन ने कहा, भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है, यह बात चुनाव परिणामों में साफ हो गई है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि भारत को एक हिंदू राष्ट्र में बदलने का विचार सही है। फैजाबाद लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की हार को लेकर उन्होंने कहा कि देश की असली पहचान को दबाने के पूरे प्रयास किए गए थे। उन्होंने कहा, भारत को हिंदू राष्ट्र दिखाने के लिए… इतना पैसा खर्च कर राम मंदिर बनाना, जो महात्मा गांधी, रविंद्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के देश में नहीं होना चाहिए था। यह भारत की असली पहचान को नजरअंदाज करने के प्रयास को दिखाता है और इसे तत्काल बदलना चाहिए। 90 वर्षीय सेना का कहना है कि भार में बेरोजगारी बढ़ रही थी और प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को नजरअंदाज किया जा रहा था।सेन ने कहा, हम हर चुनाव के बाद बदलाव देखने की उम्मीद करते हैं। (भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार) के समय में जैसा पहले हुआ कि कई लोगों को बगैर ट्रायल के जेल में डाल दिया और अमीर और गरीब में दूरी बढ़ती गई। ये सब जारी है और इसके रोका जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, जब मैं छोटा था, तो मेरे कई रिश्तेदारों को बगैर ट्रायल के जेल में डाल दिया गया था।उन्होंने आगे कहा, हमें उम्मीद थी कि भारत इससे आजाद होगा। यह सब नहीं रुका, इसके लिए कांग्रेस भी जिम्मेदार है। उन लोगों ने इसे नहीं बदला…, लेकिन यह मौजूदा सरकार में ज्यादा हो रहा है। उन्होंने कहा कि नया कैबिनेट पिछले की कॉपी ही है। सेन के अनुसार, …मंत्रियों को वही विभाग मिले हैं। थोड़े बदलाव के बावजूद राजनीतिक रूप से ताकतलवर अब भी ताकतवर बने हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *