नई दिल्ली । नीट यूजी पेपर लीक कांड और प्रतियोगिता परीक्षाओं में जारी हेराफेरी को लेकर आलोचना झेल रही एनडीए सरकार ने शनिवार को कई फैसले लिए। सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के प्रमुख को हटा दिया। इसके अलावा एजेंसी के कामकाज की समीक्षा के लिए एक पैनल का गठन कर दिया। इसके साथ ही नीट यूजी परीक्षा में हुई धांधली की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी गई है। केंद्र सरकार ने नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा भी स्थगित कर दी। पिछले सप्ताह सरकार ने यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द कर दी थी। सरकार को इस बात की भनक लग गई थी कि नेट का प्रश्नपत्र डार्कनेट और टेलीग्राम पर लीक हो गया है।
नीट पेपर लीक कांड पर चौंकाने वाली बातें –
नीट परीक्षा जैसी शर्मनाक विवाद के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए केंद् सरकार ने शनिवार को एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया। उन्हें अगले आदेश तक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में प्रतीक्षा पर रखा गया है। – केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और सुधारों की सिफारिश करने के लिए सात सदस्यीय पैनल का गठन किया। पैनल का नेतृत्व इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन करेंगे। पैनल में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति बी जे राव, आईआईटी मद्रास में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के राममूर्ति शामिल हैं। पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत बोर्ड के सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी इसके सदस्यों में शामिल हैं।
– भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को अगले आदेश तक एनटीए का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। एनटीए एक नोडल एजेंसी है जो हर साल यूजीसी-नेट और एनईईटी सहित कई प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करती है।
– मंत्रालय ने बताया कि नीट यूजी की परीक्षा में कथित अनियमितताओं, धोखाधड़ी और कदाचार के मामले सामने आए हैं। इसने कहा कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मामले को व्यापक जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।
– केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार रात को इस बीच घोषणा की कि हाल के दिनों की परीक्षाओं में अनियमितताओं के आरोपों को देखते हुए एहतियाती उपाय के रूप में नीट पीजी प्रवेश परीक्षा को स्थगित कर रहा है। यह फैसला संयुक्त सीएसआईआर यूजीसी नेट स्थगित होने के एक दिन बाद आया। हालांकि धर्मेंद्र प्रधान ने सीएसआईआर – नेट के पेपर के लीक होने से इनकार किया।
– केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, परीक्षा सुधारों पर एक पैनल का गठन किया गया है। अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है और मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर छात्रों के हितों की रक्षा करेगी।
– कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि पीएम मोदी के शासन में शिक्षा प्रणाली बर्बाद हो गई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, अब नीट-पीजी भी स्थगित कर दिया गया है। यह नरेंद्र मोदी के शासन में बर्बाद हुई शिक्षा व्यवस्था का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। अब यह स्पष्ट है कि हर बार चुपचाप तमाशा देखने वाले मोदी पेपर लीक रैकेट और शिक्षा माफिया के सामने पूरी तरह से बेबस हैं।
– पिछले दिनों बिहार पुलिस ने नीट पेपर लीक के सिलसिले में देवघर में छह लोगों को हिरासत में लिया था। इसने मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया था।
– केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए एक कानून को अधिसूचित किया है। इस कानून में अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
– आपको बता दें कि नीट-यूजी में पेपर लीक के आरोप तब सामने आए जब देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में 67 मेडिकल उम्मीदवारों ने पूरे अंक हासिल किए। इनमें से छह छात्र हरियाणा के एक ही केंद्र के हैं। कुछ उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर भी हंगामा हुआ था। 1500 से अधिक छात्रों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है।