जम्मू कश्मीर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मुझे खुशी है कि आज देश में 100 से ज्यादा बड़े संस्थानों को मान्यता मिली है। विदेश के 10 बड़े संस्थानों ने भी भारत से मान्यता प्राप्त की है। पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। योग के प्रति आकर्षण और योग की उपयोगिता भी बढ़ रही है। जन सामान्य कन्विंस हो रहा है। पीएम ने कहा कि मैं विश्व में जितने भी ग्लोबल लीडर्स से मिलता हूं, शायद ही कोई ऐसा हो जो शायद योग की बात न करें। दुनिया में योग करने वालों की तादात बढ़ रही है। विश्व के कई देशों में योग दिनचर्या का हिस्सा बन रहा है। सऊदी में तो योग एजुकेशन सिस्टम में ही शामिल है। योग पर आज रिसर्च हो रही है। नेता भी अब योग की बातें करते हैं। योग से समाज में बदलाव आ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सभी वरिष्ठ नेताओं को जब भी मौका मिलता है वह योग की चर्चा जरूर कर अपनी जिज्ञासा को समाप्त करते हैं। मंगोलिया में भी मंगोलिया योग फाउंडेशन के तहत कई स्कूल चलाए जा रहे हैं। दुनिया के अन्य देशों में भी योग का चलन तेजी से बढ़ा है। जर्मनी में आज करीब 1 करोड़ लोग योग प्रेक्टिशनर बन चुके हैं। इसी साल भारत में फ्रांस की 101 साल की महिला योग टीचर को पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया था, जबकि वह कभी भारत नहीं आईं लेकिन उन्होंने योग प्रचार के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। आज विश्व के बड़े-बड़े इंस्टीट्यूशन्स और यूनिवर्सिटीज में योग को महत्व दिया जा रहा है।

बारिश की वजह से योग दिवस का कार्यक्रम बाधित

कश्मीर में शुक्रवार तड़के हुई बारिश के कारण अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कई कार्यक्रम बाधित हो गए। इस कारण डल झील के किनारे योग दिवस पर आयोजित मुख्य समारोह भी अभी तक आरंभ नहीं हो सका। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समारोह का नेतृत्व करने वाले थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में मुख्य समारोह सुबह साढ़े छह बजे शुरू होना था। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में मध्यम से भारी बारिश होने की खबर है जिससे खुले में योग करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि डल झील के आसपास भारी बारिश हो रही है जहां प्रधानमंत्री मोदी योग कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले थे।

दुनियाभर में बज रहा योग का डंका

दुनिया के कितने ही देशों में योग रोजाना जीवनपद्धति का हिस्सा बन रहा है। 2015 में तुर्कमेनिस्तान में योग सेंटर का उद्घाटन किया था। यहां की एक मेडिकल युनिवर्सिटी में योग को शामिल किया गया है। सऊदी अरब में योग को अपने एजुकेशन सेंटर में शामिल किया गया है। मंगोलिया में कई योग के स्कूल चलाए जा रहे हैं। आपको ध्यान होगा कि इसी साल भारत में फ्रांस की 101 साल की महिला योग टीचर को पद्मश्री दिया गया। वह कभी भारत नहीं आईं लेकिन योग के लिए जीवन को समर्पित कर दिया। 2015 में कर्तव्य पथ पर 35 हजार लोगों ने साथ में योग किया। इसका अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बन गया। पिछले साल न्यूयॉर्क में यूएन के हेडक्वार्टर में 130 देशों के प्रतिनिधियों ने साथ में योग किया। विदेश के 10 बड़े संस्थानों ने भी योग को मान्यता दी है। पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

जयशंकर,नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह ने किया योग

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दिल्ली में योग किया है। वहीं श्रीनगर में पीएम मोदी के योग का कार्यक्रम शुरू होने वाला है। यहां सुबह बारिश होने की वजह से कार्यक्रम में देरी हुई है। हालांकि अब मौसम साफ हो रहा है। सभी केंद्रीय मंत्री अलग-अलग जगहों पर योग दिवस मना रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में योग किया तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मथुरा में योग दिवस मनाया। वहीं मुंबई में योग दिवस के कार्यक्रम में पीयूष गोयल शामिल हुए। मुंबई में भारी बारिश भी हो रही है। वहीं हरिद्वार में योग गुरु रामदेव ने भी लोगों को योग करवाया। उन्होंने कहा कि योग से जीवन के सकारात्मक बल मिलता है और शरीर निरोगी हो जाता है। इसके नियमित अभ्यास की जरूरत है। यह ना केवल शरीर बल्कि आत्मा को भी शुद्ध कर देता है। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने लखनऊ में लोगों के साथ योग किया।

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। दरअसल 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबा दिन होता है। इसके बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश कर जाता है। इसीलिए इस दिन को योग की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर 2014 में यूएन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की सलाह दी थी। इसके बाद यूएन ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया। जबरन योग दिवस में बुलाया गयाः महबूबा मुफ्ती अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम से एक दिन पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि सरकार ने कर्मचारियों और स्कूली बच्चों को विषम समय में अलग-अलग स्थानों पर उपस्थित होकर योग दिवस में शामिल होने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि उत्सव का अवसर ऐसा बन गया है जो लोगों में डर उत्पन्न करता है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर सरकार ने आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि योग दिवस समारोह कार्यक्रम में भाग लेना स्वेच्छा का विषय है और किसी भी कर्मचारी को उनकी इच्छा के खिलाफ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया गया है।

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