नई दिल्ली। भारत के जवान अपनी बहादुरी के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। उन्हे जो भी टॉस्क मिलता है वे जी जान से उसमें जुटते हैं और पूरा करके ही दम लेते है। ऐसा ही एक टॉस्क इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवान को मिला था। लाहौल स्पीति घूमने आए इस अमेरिकी पर्यटक ने 11 जून को गेटे गांव से पैराग्लाइडर से उड़ान भरी थी। तेज हवाओं के चलते पैराग्लाइडर की दिशा बदल गई और अमेरिकी पर्यटक ऊंची पहाडि़यों से टकराकर लापता हो गया। करीब छह दिन चली कवायद के बाद इस अमेरिकी पर्यटक का शव तो खोज लिया गया, लेकिन इनती ऊंचाई पर पहुंचना और वहां से शव को नीचे लाना स्थानीय प्रशासन के बस की बात नहीं थी। लिहाजा, हिमवीर के नाम से मशहूर आईटीबीपी के जवानों को यह टास्क सौंपा गया। आईटीबीपी के जवानों को करीब 14800 फीट (करीब 4.5 किमी) की चढ़ाई कर पर्वत की चोटी पर पहुंचना था और फिर वहां से अमेरिकी पर्यटक के शव को लेकर नीचे आना था। यहां आपको बता दें कि आईटीबीपी के जवानों के लिए 14800 फीट की यह चढ़ाई बिल्कुल आसान नहीं थी। जवानों को खड़े पत्थरों पर चढ़ते हुए ऊपर पहुंचना था।
पांच घंटे की लंबी मेहनत के बाद मिली सफलता
लंबी कवायद के बाद आईटीबीपी के जवान उस जगह तक पहुंचने में कामयाब रहे, जहां पर अमेरिकी पर्यटक का शव पड़ा हुआ था। आईटीबीपी ने शव को अपने कब्जे में लिया और नीचे उतरना शुरू किया। करीब पांच घंटे की लंबी मेहनत के बाद आईटीबीपी के जवान इस शव को लेकर नीचे उतर आए। अब आईटीबीपी की तरफ से इस रेस्क्यू ऑपरेशन का वीडियो जारी किया गया है। आईटीबीपी द्वारा जारी यह वीडियो रोंगटे खड़ा करने वाला है। इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आईटीबीपी के जवानों के लिए यह रेस्क्यू ऑपरेशन कितना मुश्किल रहा होगा। इस ऑपरेशन को पूरा करने के बाद आईटीबीपी ने जानकारी दी है कि लाहौल और स्पीति के काजा के पास लापता हुए 31 वर्षीय अमेरिकी पैराग्लाइडर बोकस्टैलर ट्रेवर के शव को सफलता पूर्वक नीचे ले आया गया है। सुरक्षाबल की तरफ से बताया गया है कि आईटीबीपी पर्वतारोहियों द्वारा शुरू किए ए इस चुनौतीपूर्व रेस्क्यू मिशन को पूरा करने में करीब 48 घंटे का समय लगा।