सिंहस्थ के लिये 20 हजार करोड़ रुपये लागत से खंडवा, उज्जैन सहित अन्य नगरों में कार्य होंगे
दो दिवसीय शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने रामघाट पर मां शिप्रा को चुनरी अर्पण की
भोपाल : वर्षाकाल में हरियाली अमावस्या तक प्रदेश में कुल साढ़े 5 करोड़ पौधे रोपित किये जायेंगे। यह बात मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने आज गंगा दशमी के अवसर पर दो दिवसीय शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के समापन अवसर पर रामघाट पर आयोजित समारोह में कही। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, यात्रा संयोजक महन्त रामेश्वरदास महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सदस्य बालयोगी उमेशनाथ महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, रमेश मेंदोला, महापौर मुकेश टटवाल, महापौर इन्दौर पुष्यमित्र भार्गव, सभापति कलावती यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष कमला कुंवर, बहादुर सिंह बोरमुंडला, विवेक जोशी, मां शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के अध्यक्ष नरेश शर्मा, संभागायुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ श्रीराम तिवारी सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि जल संरचनाओं के संरक्षण का संकल्प साकार हो रहा है। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश की नदियां एवं जलाशय और अन्य जल स्त्रोत संरक्षित होकर प्रदूषणमुक्त रहें। प्रदेश में चले जल गंगा संवर्धन अभियान में 5 जून से आज तक 28 करोड़ लागत से शहरी क्षेत्र में 2700 से अधिक एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 26 करोड़ रुपये लागत से 2300 से अधिक संरचनाओं का निर्माण एवं जीर्णोद्धार हुआ है। उज्जैन के शहरी क्षेत्र की जल संरचना का भी सुधार कार्य हुआ है, जिसके बाद वह सुन्दर नजर आयेगी। प्रदेश में 212 नदियों का संरक्षण करने का संकल्प लिया गया है, जिसमें उद्गम से लेकर अन्तिम छोर तक संरक्षण का कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जल संरचनाओं के निकट पौधरोपण किया जायेगा। ग्वालियर के लोगों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के नागरिकों ने जन-सहभागिता कर जल संरचना का उद्धार किया है। अब इस संरचना में पांच करोड़ लीटर जल संग्रहण होने की संभावना है। इसी तरह सागर के ताल के सम्बन्ध में भी उन्होंने अवगत कराया।
वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि उज्जैन का सिंहस्थ विश्व में अपना स्थान रखता है। सिंहस्थ के लिये 20 हजार करोड़ रुपये लागत से खंडवा, उज्जैन सहित अन्य नगरों में कार्य कराये जायेंगे। देवालयों से हमें आशीर्वाद और जीवन में संस्कार मिलते हैं। संकल्पों की सिद्धि भी देवालयों से प्राप्त होती है और आनन्द की अनुभूति भी होती है। देवालयों के संरक्षण और मरम्मत के कार्य लगातार जारी रहेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इन्दौर की महारानी माता अहिल्या ने पूरे देश में देवालयों का निर्माण कराया। एक महिला शासिका होकर उन्होंने मन्दिर बनवाये। इसी तरह उन्होंने गोंडवाना राज्य की रानी दुर्गावती की वीरता के किस्से भी सुनाये। इस मौके पर उन्होंने बताया कि प्रदेश में पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा की शुरूआत हुई है। आयुष्मान कार्डधारी एवं जिसकी उम्र 70 वर्ष से अधिक है, को भी हवाई एम्बुलेंस की सेवा नि:शुल्क देने की योजना से मुख्यमंत्री ने अवगत कराया। हवाई एम्बुलेंस की सेवा सभी के लिये रहेगी। आयुष्मान कार्डधारी के अलावा अन्य इस सेवा का उपयोग शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।
इस अवसर पर प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ यादव ने गंगा दशहरा पर्व को भव्य, पावन और अलौकिक रूप प्रदान किया हैं। रामघाट पर चारों ओर एक नई आभा नजर आ रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव के नेतृत्व में प्रदेश में जल संरचनाओं के संरक्षण का अद्भुत कार्य किया गया। हमारे पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहर सहजने और संवारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण दिवस पर सभी से आव्हान किया कि अपनी मां के नाम एक पौधा अवश्य लगायें। इस प्रकार पूरे देश में 140 करोड़ पौधे लगेंगे। इंदौर ने भी वृहद स्तर पर 51 लाख से अधिक पौधरोपण करने के लक्ष्य निर्धारित किया हैं। उज्जैन भी व्यापक स्तर पर पौधरोपण कर अपने क्षेत्र को हरियाली से आच्छादित करने की योजना बनायें, ताकि आने वाले सिंहस्थ में श्रद्धालु लगाये गये पेड़ों की छाया में बैठ सकेंगे। उन्होंने प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में कार्य करने के लिये साधुवाद दिया।
तीन पुस्तकों एवं ऑडियो-वीडियो सीडी का विमोचन
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री डॉ.यादव द्वारा मध्य प्रदेश में पहली बार सैटेलाइट मैपिंग के साथ उज्जैन की नदियों के वैज्ञानिक विश्लेषण पर आधारित ग्रंथ ‘शिप्रा अमरता का आह्वान’ लेखक निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ श्रीराम तिवारी, शिप्रा अमृतसम्भवा, सदानीरा (जल का उत्सव) पुस्तकों एवं हैदराबाद के भरत चौधरी की सदानीरा-अंबुनी ऑडियो- वीडियो सीडी का विमोचन किया गया। समाचार पत्र दैनिक भास्कर की वैभवशाली उज्जैन के महाकाल की गौरव गाथा पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर मां शिप्रा को चुनरी ओढ़ाई
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने गंगा दशहरा पर्व पर सपत्नीक मां शिप्रा की विधि विधान से पूजन-अर्चन कर आरती की और मां शिप्रा के रामघाट पर दोनों तटों से 350- 350 फीट की 2 चुनरी ओढ़ाई। इस दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। इस अवसर पर मां शिप्रा के जयकारों से पावन रामघाट गुंजायमान हो रहा था। पूजा-अर्चना पं.गौरव उपाध्याय द्वारा कराई गई। पंडित गौरव उपाध्याय और उनके दल द्वारा मुख्यमंत्री डॉ यादव को रामचरित मानस एवं बाबा महाकाल का चित्र भेंट किया गया।
जल संरचनाओं के संरक्षण संवर्धन का दिलाया संकल्प
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपस्थित जनसमूह को जल संरचनाओं के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प दिलाया।
जल संरक्षण और मानव सेवा की दिशा में अनुकरणीय कार्य करने वाले सम्मानित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इस अवसर पर कीर्तन एवं श्री हरिकथा के माध्यम से श्रीनाथ परम्परा के प्रचार-प्रसार के अद्वितीय प्रयासों के लिए संत श्री बालकृष्ण वासुदेव नाथ ढोली बुवा महाराज का सम्मान किया गया। इसी तरह ग्राम निनौरा की श्रीमती सीताबाई, जिन्होंने जल को संरक्षित करने के उद्देश्य से अपनी स्वयं की पांच बीघा भूमि बेचकर ग्राम निनोरा में शिप्रा नदी किनारे घाट निर्माण कार्य किया, जिन्हें आज मंच से सम्मानित किया गया। इसी तरह शिप्रा मैया एवं मानव सेवा करने के लिए दीपक कहार को भी सम्मानित किया गया।