केन्द्रीय मंत्री सिंधिया एवं प्रदेश सरकार के मंत्रिगणों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी किया श्रमदान
ग्वालियर का विकास प्रदेश सरकार के लिये विशेष महत्व रखता है – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगल क्लिक के जरिए किया लगभग 179 करोड़ लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण
ग्वालियर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुल मिलाकर 389 करोड़ की सौगातें दीं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत संगीत की नगरी ग्वालियर के ऐतिहासिक सागरताल के सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार कार्य में श्रमदान कर ग्वालियरवासियों को जल संरचनायें सहेजने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ केन्द्रीय संचार मंत्री एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश सरकार के मंत्रिगण नारायण सिंह कुशवाह, तुलसीराम सिलावट व प्रद्युम्न सिंह तोमर तथा सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगणों ने कतारबद्ध खड़े होकर सागरताल की साफ-सफाई के लिये श्रमदान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ग्वालियर क्षेत्र का विकास प्रदेश सरकार के लिए विशेष महत्व रखता है। सरकार ग्वालियर-चंबल अंचल के विकास के लिये कटिबद्ध है। इस दिशा में जल्द ही 33 हजार करोड़ रूपए लागत की पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना का भूमिपूजन किया जायेगा। इससे इस क्षेत्र के पेयजल व खेती के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा। साथ ही उद्योग धंधों के लिये नए-नए रास्ते खुलेंगे।
सागरताल पर आयोजित हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगल क्लिक के जरिए लगभग 179 करोड़ रूपए लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। ग्वालियर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 210 करोड़ रूपए लागत के नवनिर्मित स्टेडियम सहित कुल मिलाकर लगभग 389 करोड़ रूपए की सौगातें दीं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सागरताल पर “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत आयोजित हुई जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भिण्ड जिले से लेकर सम्पूर्ण बुन्देलखंड के सर्वांगीण विकास के लिये 43 हजार करोड़ रूपए लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना को मूर्तरूप दिया जायेगा। इसमें से 12 हजार 600 करोड़ रूपए के टेंडर हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सागरताल के जीर्णोद्धार का काम “जल गंगा संवर्धन अभियान” के बाद भी जारी रखने के निर्देश इस अवसर पर दिए। उन्होंने कहा सरकार ने सागरताल के जीर्णोद्धार के लिये ढाई करोड़ रूपए की धनराशि मंजूर की है। साथ ही सागरताल में नौकायन सहित अन्य जरूरी कार्यों के लिये भी सरकार धनराशि उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सागरताल के गहरीकरण से 5 करोड़ लीटर अतिरिक्त जल ग्वालियरवासियों को उपलब्ध होगा। उन्होंने सागरताल के जीर्णोद्धार कार्य में महिला शक्ति, एनसीसी कैडेट्स एवं शहरवासियों द्वारा दिए जा रहे सहयोग पर खुशी जताई।
जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति में जल संरक्षण की सुदीर्घ परंपरा रही है। भागीरथ ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत धरती पर गंगा का अवतरण कराया था। उन्होंने कहा जिस प्रकार शरीर में धमनियों के माध्यम से रक्त प्रवाह से हमें जीवन मिलता है, उसी तरह नदियाँ जल प्रवाह कर पृथ्वी को जीवंतता प्रदान करती हैं। इस भाव को प्रदेश सरकार ने भलीभाँति समझा है और नदियों के संरक्षण के लिये कारगर पहल की है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर यह भी कहा कि हमने जब राज्य संचालन के सूत्र समझे तब पता चला कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात की समस्त नदियों, घाटों व कुओं-बावड़ियों सहित सभी प्रकार की जल संरचनाओं का सफलतापूर्वक जीर्णोद्धार कराया था। प्रधानमंत्री श्री मोदी की इसी दूरदर्शी सोच के अनुरूप मध्यप्रदेश सरकार द्वारा “जल गंगा संवर्धन अभियान” के माध्यम से प्रदेश भर की जल संरचनाओं को सहेजने का काम किया जा रहा है। उन्होंने रहीम के प्रसिद्ध दोहे “रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून” के माध्यम से पानी की महिमा को रेखांकित किया।
सूरवीरों की धरा है ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की धरती
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर-चंबल अंचल की शौर्य गाथाओं की सराहना करते हुए कहा कि चंबल अंचल के जवान देश की सीमा की रक्षा के लिए सीना तानकर खड़े रहते हैं। दुश्मन की गोलियों के आगे आँख से आँख मिलाकर लड़ने की हिम्मत चंबल के सूरवीरों ने दिखाई है। ग्वालियर वह धरती है जहाँ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक इशारे पर उड़े विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के अड्डे तबाह कर दिए थे।
ऐतिहासिक ग्वालियर दुर्ग का शेष भाग भी फसाड़ लाईट से जगमग होगा – सिंधिया
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दौर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए नमामि गंगे अभियान की तर्ज पर “जल गंगा संवर्धन अभियान” शुरू किया है। हमारी संस्कृति में नदियों को माँ के समान पूजा जाता रहा है। इसलिए नदियों की रक्षा व साफ-सफाई करना हमारा दायित्व ही नहीं अपितु धर्म है। खुशी की बात है कि प्रदेश में यह सब काम जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंधिया रियासतकाल में बड़े पैमाने पर श्रृंखलाबद्ध ढंग से जल संरचनाओं का निर्माण कराया गया था। सागरताल उनमें से एक है। प्रसन्नता की बात है कि सागरताल के जीर्णोद्धार का काम प्रदेश सरकार द्वारा कराया जा रहा है सिंधिया ने ग्वालियर को विकास कार्यों की बड़ी-बड़ी सौगातें देने के लिये मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। साथ ही जानकारी दी कि ऐतिहासिक ग्वालियर दुर्ग के शेष भाग को भी फसाड़ लाईट से जगमग किया जायेगा। इसके लिये 15 करोड़ रूपए की धनराशि इंडिगो सीएसआर मद से उपलब्ध कराई जायेगी।
प्रदेश में जल संरक्षण के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं – मंत्री कुशवाह
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर शुरू हुए “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत जन सहयोग से जल संरक्षण के नए-नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि ग्वालियर क्षेत्र के विकास में मुख्यमंत्री डॉ. यादव कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
ग्वालियर का औद्योगिक वैभव लौटाने के लिए ऊर्जा मंत्री तोमर ने किया आग्रह
ऊर्जा मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने स्वागत उदबोधन दिया। उन्होंने जेसीमिल श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के प्रति मुख्यमंत्री डॉ. यादव का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही भरोसा जताया कि जल्द ही सरकार इन समस्याओं का समाधान करेगी। श्री तोमर ने उपनगर ग्वालियर के औद्योगिक वैभव को फिर से वापस लौटाने की पहल करने का आग्रह भी मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं केन्द्रीय मंत्री सिंधिया से किया। साथ ही कहा कि सागरताल का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कार्य सुनियोजित ढंग से पूर्ण कराया जायेगा। अगले गर्मी के मौसम में शहरवासी सागरताल में नौकायन का आनंद उठा सकेंगे।
ग्वालियर अंतर्राष्ट्रीय पटल पर स्थापित होगा – सांसद कुशवाह
सांसद भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप मध्यप्रदेश सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शुरू किए गए “जल गंगा संवर्धन अभियान” और पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा योजना से ग्वालियर जिले को भी बड़ा फायदा हुआ है। इस योजना से ग्वालियर पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर उभरकर सामने आयेगा।
कार्यक्रम के अंत में भाजपा जिला अध्यक्ष ग्रामीण कौशल शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में इनकी भी रही मौजूदगी
सागरताल पर “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत आयोजित हुए कार्यक्रम में संत कृपाल सिंह सहित अन्य संतजन, नगर निगम सभापति मनोज तोमर तथा महेन्द्र यादव, अभय चौधरी, कौशल शर्मा, रमेश अग्रवाल, जयसिंह कुशवाह, मुन्नालाल गोयल, आशीष अग्रवाल, विनोद शर्मा व दीपक शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मंचासीन थे। साथ ही प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय शुक्ला, संभाग आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना, कलेक्टर रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री हर्ष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार व अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन कार्यों का किया भूमिपूजन एवं लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर प्रवास के दौरान सागरताल पर आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से जिले को लगभग 179 करोड़ रूपए लागत की सौगातें दीं। इनमें गोले का मंदिर के समीप 45 करोड़ 68 लाख लागत का अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर व बिलौआ में लगभग 52 लाख की लागत से बनने जा रहा 132 केव्ही का विद्युत उप केन्द्र का भूमिपूजन शामिल है। इसके अलावा 9 करोड़ से अधिक लागत से बनने जा रहे ग्वालियर में विधि कॉलेज भवन, 9 करोड़ से अधिक लागत की खुरैरी, बिजौली, गुंधारा, गुहीसर मार्ग पर स्थित बेसली नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण व पौने आठ करोड़ रूपए लागत के नगर निगम के फायर स्टेशन का भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। साथ ही 9 करोड़ रूपए लागत से जीवाजी विश्वविद्यालय में बनाए गए एक हजार सीटर स्व. अध्ययन केन्द्र, 7 करोड़ रूपए लागत से जेएएच में बनकर तैयार हुए टरसरी कैंसर केयर यूनिट भवन व रेडीमेंट गारमेंट पार्क परिसर में 12 करोड़ रूपए लागत का डेनीसन फैशन इंडिया प्रा. लि. की इकाई का लोकार्पण शामिल है। इसके अलावा आधा दर्जन अन्य विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देखा रेन वाटर हार्वेस्टिंग का मॉडल
सागरताल के समीप नगर निगम द्वारा भूजल रीचार्ज करने के लिये तैयार किए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के मॉडल का जायजा भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिया। उन्होंने इस मॉडल की सराहना की।