नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान को लेकर आरएसएस नाराज चल रहा है। इसी बीच महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को हमें डांटने का पूरा हक है। संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में प्रकाशित लेख में बीजेपी और डिप्टी सीएम अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ गठबंधन पर सवाल उठाए गए थे। खास बात है कि इस लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी की सीटें कम हो गई हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक पाटिल ने कहा कि जैसे माता-पिता उनके बच्चों को सलाह देते हैं, वैसे ही हम आरएसएस से सलाह लेते हैं। अगर बच्चा कोई गलती करता है, तो माता-पिता डांटते हैं और समझाइश देते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि माता-पिता उनके खिलाफ हैं। आरएसएस के पास डांटने का और किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रखने का पूरा इख्तेयार है।

पाटिल ने कहा कि हम उन अहंकारी बच्चों में से नहीं है, जो माता-पिता की बात को न मानें। उन्होंने कहा कि आरएसएस के पास हमारी गलतियों को सुधारने का पूरा हक है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने मणिपुर मुद्दे पर प्रतिक्रिया न देने और बीजेपी नेताओं के बयानों और अहंकार पर सवाल उठाए थे।

सूत्रों की मानें तो संघ नेता इंद्रेश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो पार्टी राम की पूजा करती थी, वह अहंकारी हो गई, ऐसे में 2024 के चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी बन तो गई, लेकिन उसे अकेले पूर्ण बहुमत मिलना चाहिए था लेकिन उसे भगवान राम ने उसके अहंकार और बेतुकी बयानबाजी के कारण सत्ता में आने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग राम का विरोध करते थे, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं मिली, यहां तक उनको दूसरे नंबर पर खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान का न्याय बडा सत्य है। उन्होंने साफ तौर पर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों पर निशाना साधा। हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया।

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