वैज्ञानिक रीति से गौपालन और जैविक कृषि पर जिलों में होंगी संगोष्ठियां और कार्यशालाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का गौसंरक्षण और संवर्धन के लिए हुआ अभिनंदन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को मंत्री परिषद की बैठक से पहले पशुपालन राज्य मंत्री लखन पटेल ने भेंट किया अंग वस्त्र
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा यह साल गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा करने पर पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने उनका अभिनंदन किया। राज्यमंत्री लखन पटेल द्वारा मंत्री परिषद की बैठक से पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव तथा सभी मंत्रीगण को अंगवस्त्र प्रदान कर अभिनंदन किया गया। उन्होंने गौसंरक्षण और संवर्धन के लिए आरंभ किए गए इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाकर गौरक्षा कार्यक्रम को सफल बनाने का आव्हान किया।
दुर्घटनाग्रस्त गायों के लिए होगी हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल की व्यवस्था
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा गुड़ी पड़वा 9 अप्रैल 2024 से 29 मार्च 2025 तक गौवंश रक्षा वर्ष मनाने के साथ ही गौवंश और गौरक्षा से संबंधित 8 प्रमुख घोषणाएं की गईं हैं। यह घोषणाएं भोपाल में गौरक्षा, गौसेवा तथा गौशालाओं से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला की अनुशंसाओं पर आधारित हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश में संचालित गौशालाओं को श्रेष्ठ संचालन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा, चरनोई की भूमि से अतिक्रमण हटाए जाएंगे। सड़कों पर दुर्घटनाग्रस्त होने वाली गायों को आसानी से इलाज के लिए ले जाया जा सके, इस उद्देश्य से हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल का टोल व्यवस्था के अंतर्गत प्रबंध किया जाएगा। गौ-शालाओं को प्रति गाय 20 रूपए के स्थान पर 40 रूपए के राशि देय होगी। चारा या भूसा काटने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण पर अनुदान की व्यवस्था की जाएगी, इसके लिए पंचायतों को आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। अधूरी गौ-शालाओं का निर्माण पूर्ण किया जाएगा और नई गौशालाएं भी आरंभ की जाएंगी तथा प्रदेश में गौ-वंश विहार विकसित किए जाएंगे। प्रदेश की समस्त गौशालाओं में गौवंश से जुड़ी 26 प्रमुख तिथियों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
गौरक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा
इसके साथ ही गौ-शालाओं को समाज से जोड़ने के लिए सामाजिक, मांगलिक व धार्मिक कार्यक्रम गौशालाओं में आयोजित किए जाने का आव्हान किया गया है। गौरक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वालों तथा दानदाताओं को सम्मानित भी किया जाएगा। साथ ही जिला स्तर पर वैज्ञानिक रीति से गौपालन और जैविक कृषि पर संगोष्ठियां और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।