पटना। केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनी है। एनडीए के घटक दलों से बनी सरकार में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चिराग पासवान के दलों का समर्थन है। दोनो ही दलों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। इस पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि बिहार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ नहीं दिया है। केवल झुनझुना पकड़ा दिया है जिसे एनडीए समर्थक बजाते रहें। तेजस्वी ने एक्स पर प्रतिक्रिया जाहिर की। साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल के नवनियुक्त सदस्यों को शुभकामनाएं भी दीं। तेजस्वी यादव ने जेडीयू भाजपा और एनडीए सहयोगियों को विभाग आवंटन को झुनझुना बताया है और कहा है कि बिहार के नए मंत्रियों को दिए गए विभाग उतने महत्वपूर्ण नहीं थे जितना कि राज्य की भूमिका है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के गठन में सहयोगी दल अहम विभागों पर सौदेबाजी कर सकते थे। मुझे लगता है कि बिहार के मंत्रियों को सिर्फ झुनझुना दिया गया है। नई सरकार के गठन में बिहार ने बड़ी भूमिका निभाई है। बेशक, विभागों का बंटवारा करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। तेजस्वी ने ये बयान दिल्ली से पटना लौटने पर दिया।
बता दें कि हाल के लोकसभा चुनावों में राजद, कांग्रेस, वीआईपी और वाम दलों सहित इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों ने बिहार से नौ सीटें जीतीं, जिसमें राजद ने चार सीटें, कांग्रेस ने तीन सीटें और सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) ने दो सीटें जीतीं। एक सीट पूर्णिया पर निर्दलीय उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जीत हासिल की। वहीं दूसरी ओर, बिहार में एनडीए घटक के रूप में बीजेपी-जेडीयू, एलजेपी (आर) और एचएएम (एस) ने 30 सीटें जीतीं, बीजेपी और जेडीयू ने 12-12 सीटें जीतीं, जबकि एलजेपी (आर) ने पांच सीटें जीतीं। और जीतन मांझी की हम को एक सीट मिली है।
बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व करने वाले राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि लोकसभा नतीजों के बाद विपक्ष मजबूत हो गया है क्योंकि भाजपा संसद में बहुमत से पीछे रह गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली यह सरकार संकट में है क्योंकि भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही है। यह तीसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एक कमजोर सरकार है। तेजस्वी ने कहा कि जेडीयू जो 12 सांसदों के साथ एनडीए में एक प्रमुख सहयोगी है, उसे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आगे आना चाहिए, राष्ट्रव्यापी जाति सर्वेक्षण कराना चाहिए और अधिक जानकारी के लिए सर्वेक्षण के निष्कर्षों को नौवीं अनुसूची में डालना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनावों में बिहार से चार सीटें जीती हैं, जो किसी उपलब्धि से कम नहीं है क्योंकि 2019 के चुनावों में पार्टी को शून्य सीटें मिली थीं। हमने अपनी सीटों की संख्या बढ़ाई है और यह और बढ़ेगी।