नई दिल्ली। कांग्रेस विरोधी भले ही राहुल गांधी को पप्पू,शहजादे और न जाने किन किन शब्दों से नवाजें,लेकिन आम आदमी उन्हे दिल से चाहता है। शायद यही वजह है कि सोशल मीडिया पर राहुल को चाहने वालों की कतार लंबी हो गई है। इंस्टग्राम,एक्स जैसे कई सोशल प्लेट फॉर्मो पर राहुल गांधी के फॉलोअर्स लगातार बढ़ रहे हैं। दिसंबर 2023 और मई 2024 के बीच इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब पर गांधी के नए फॉलोअर्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जबकि लोकसभा चुनावों से पहले इन प्लेटफॉर्म पर मोदी द्वारा हर महीने नए फॉलोअर्स की संख्या में मामूली गिरावट आई या यह स्थिर रही। हालांकि मोदी और भाजपा इन सभी प्लेटफॉर्म पर फॉलोअर्स की संख्या में सबसे आगे हैं, लेकिन डब्ल्यूपीपी ग्रुप समर्थित ग्रे वर्ल्डवाइड के स्वामित्व वाली डिजिटल-सोशल एजेंसी ऑटम ग्रे से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने दिसंबर और मई के बीच इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स पर उनसे अधिक नए फॉलोअर्स जोड़े हैं।
डाटा से पता चलता है कि इस अवधि के दौरान इंस्टाग्राम पर गांधी के फॉलोअर्स की संख्या में हर महीने औसतन 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि फोटो और वीडियो शेयरिंग सोशल नेटवर्क पर मोदी के नए फॉलोअर्स की वृद्धि दर औसतन 5 प्रतिशत प्रति माह घटी है। ट्विटर पर राहुल गांधी के नए फॉलोअर्स औसतन 61 प्रतिशत प्रति माह की दर से बढ़े हैं, जबकि बड़े पैमाने पर मोदी के नए फॉलोअर्स की वृद्धि दर शून्य रही। यूट्यूब पर, गांधी के नए फॉलोअर्स औसतन 12 प्रतिशत प्रति माह की दर से बढ़े हैं, जबकि मोदी के फॉलोअर्स की वृद्धि दर औसतन 3 प्रतिशत घटी है। भाजपा का प्रतिनिधित्व करने वाली एक विज्ञापन एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह एक इंस्टाग्राम चुनाव था, हमें युवा मतदाताओं को आकर्षित करने और लुभाने के लिए डिजिटल-सोशल रणनीतियों, लघु वीडियो, रील आदि पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया था, जो अपना आधे से अधिक दिन स्क्रीन पर बिताते हैं।जबकि कांग्रेस के रचनात्मक अभियान का नेतृत्व विज्ञापन एजेंसी डीडीबी मुद्रा ने किया था। भाजपा ने अपने रचनात्मक अभियान का नेतृत्व करने के लिए मैककैन वर्ल्ड ग्रुप को चुना था। इसके अलावा स्केयरक्रो एमएंडसी साची, साथ ही अपने सामाजिक अभियानों के लिए कई छोटी बुटीक एजेंसियों को भी हायर किया था, जिसमें अबकी बार थीम को बढ़ावा देना भी शामिल था।इस साल फरवरी में चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए डाटा के अनुसार 2024 के चुनावों में 18-19 वर्ष आयु वर्ग के 18।5 मिलियन पहली बार मतदाता थे।
हालांकि पूर्ण रूप से मोदी के फॉलोअर्स की संख्या इन सभी प्लेटफॉर्म पर गांधी से बहुत आगे रही। अगर पूरे परिदृश्य को देखें तो भाजपा भी कांग्रेस से इसी तरह आगे है। उदाहरण के लिए इंस्टाग्राम पर मोदी के 90।2 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जबकि गांधी के 10 मिलियन फॉलोअर्स हैं। एक्स पर मोदी के 98।5 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जोकि गांधी के 25।9 मिलियन फॉलोअर्स से तीन गुना से भी अधिक है। भाजपा के एक्स पर 22 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जो कांग्रेस के 10।6 मिलियन से दोगुना है। मीडिया विश्लेषकों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस डिजिटल दुनिया में भाजपा को पकड़ने की कोशिश कर रही है, जिसका राजनीति और चुनाव के हर दूसरे पहलू पर प्रभाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। अन्य नेता और राजनीतिक दल इस मामले में बहुत पीछे हैं, यहां तक कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी भी इन प्लेटफार्मों पर इतना प्रभाव नहीं बना सकी है। विश्लेषकों का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेल जाने से काफी नुकसान हुआ है।