जम्मू।रियासी में बीती शाम तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आतंकियों ने कई मिनट तक बस पर गोलीबारी जारी रखी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने हमले के बारे में भयावह विवरण दिए, जिसमें से एक जीवित व्यक्ति ने बताया कि कैसे बस पर 25 से 30 गोलियां चलाई गईं, उसके बाद बस खाई में गिर गई। बचाव एवं तलाशी अभियान का समन्वय करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे रियासी के उपायुक्त विशेष पॉल महाजन ने बताया कि मृतकों में तीन महिलाएं हैं। लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। उधर, आतंकवादी हमले के खिलाफ लोगों के कई समूहों ने रियासी सहित जम्मू संभाग के विभिन्न क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किया तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। राजौरी और पुंछ जैसे पड़ोसी इलाकों की तुलना में रियासी जिला पहले आतंकवादी गतिविधियों से अपेक्षाकृत अछूता था। स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ितों की मदद करने लगे।

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने लाल रंग के मफलर में एक नकाबपोश हमलावर को बस पर फायरिंग करते देखा था। जिला अस्पताल में भर्ती उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार ने बताया, ‘मैं बस चालक के बगल में बैठा था और वाहन घने जंगलों से नीचे की ओर आ रहा था, तभी मैंने देखा कि सेना जैसे कपड़े पहने और काले कपड़े से अपना चेहरा और सिर ढके एक व्यक्ति बस के सामने आया और अंधाधुंध गोलीबारी करने लगा। उन्होंने बताया, ‘गोलीबारी में चालक को गोली लगी और बस खाई में गिर गई।’ उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने बस पर कई मिनट तक गोलीबारी जारी रखी। उन्होंने बताया, ‘हम खाई में असहाय अवस्था में थे, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने आकर हमारी मदद की। बाद में कुछ पुलिसकर्मी भी वहां पहुंचे।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीर्थयात्रियों पर हुए नृशंस आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कानून के कोप का सामना करना पड़ेगा। रविवार को दूसरी बार केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, शाह ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आर आर स्वैन से बात की और आतंकी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमले के बाद की स्थिति का जायजा लिया और उन्हें लगातार स्थिति की निगरानी रिपोर्ट दी जा रही है।रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा शर्मा ने बताया कि पुलिस आमतौर पर हाई अलर्ट पर रहते हैं तथा पिछले कई दिनों से आसपास के क्षेत्रों में लगातार गश्ती के साथ शिव खोरी मंदिर को पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया है। एसएसपी ने बताया, ‘हमने ग्राम रक्षा गार्डों के लिए फायरिंग अभ्यास भी शुरू कर दिया है तथा उन्हें सभी को अलर्ट पर रखा गया है। बता दें कि पिछले तीन दशकों में यह दूसरी बार था जब आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया। इससे पहले जुलाई 2017 में कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर गोलीबारी की थी, जिसमें सात तीर्थयात्री मारे गए थे और 19 अन्य घायल हो गए थे।

ऑपरेशन मुख्यालय स्थापित

घटनास्थल पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ द्वारा एक संयुक्त सुरक्षा बल अस्थायी ऑपरेशन मुख्यालय स्थापित किया गया है और हमलावरों को खोजने के लिए एक बहुआयामी अभियान शुरू किया गया है। इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए व्यापक तलाशी के लिए रियासी और पड़ोसी राजौरी जिले से सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। यह घटना पाकिस्तान स्थित आतंकवादी तत्वों द्वारा जम्मू क्षेत्र में अशांति फैलाने और आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लगातार खतरे को बताती है।

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