-नरेंद्र मोदी बने एनडीए के नेता, कल लेंगे मंत्रियों के साथ शपथ
नई दिल्ली। एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना गया। नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने एनडीए को ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत पर चलने वाला स्वाभाविक गठबंधन बताया। एनडीए के संसदीय दल की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वह अपनी अगली सरकार के सभी फैसले सर्वसम्मति तय करने का प्रयास करेंगे। आपसी विश्वास इस गठबंधन के मूल में है और वे ‘सर्व पंथ समभाव’ के सिद्धांत पर चलते हैं।
बैठक के बाद नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। राष्ट्रपति ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया। रविवार को शपथ ग्रहण हो सकता है। शपथ ग्रहण से पहले राष्ट्रपति को मंत्रियों की सूची सौंपी जाएगी। मोदी की अगुआई में नया मंत्रिमंडल भी पद और गोपनीयता की शपथ लेगा। इसमें आंध्र प्रदेश और बिहार से ज्यादा मंत्री हो सकते हैं। बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा था। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि जेडीयू नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हर दिन बीजेपी के साथ खड़ी रहेगी।
एनडीए में सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास के लिए क्षेत्रीय आकांक्षाओं और राष्ट्रीय हितों का संतुलन बनाते हुए चलना चाहिए। मोदी भारत के लिए सही समय पर सही नेता हैं। नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोला कहा कि हम कभी नहीं हारे। 4 जून के बाद हमारा आचरण दिखाता है कि हमें जीत को पचाना आता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के इतिहास में सबसे सफल गठबंधन है। इसने तीन सफल कार्यकाल पूरे कर लिए हैं और अब अपने चौथे में प्रवेश कर रहा है। एनडीए उन दलों का समूह नहीं है जो सत्ता पाने के लिए एक साथ आए हैं, यह ‘राष्ट्र प्रथम’ के लिए प्रतिबद्ध है।
चंद्रबाबू नायडू ने इस अवसर पर क्षेत्रीय आकांक्षाओं और राष्ट्रीय हितों का संतुलन बनाकर चलने की जरूरत बताई। एनडीए संसदीय दल की बैठक में सहयोगी दल जनता दल-सेक्युलर के नेता एच डी कुमारस्वामी, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष अजित पवार, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, हम (एस) के प्रमुख जीतन राम मांझी समेत सभी सहयोगी दलों के नेताओं ने नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुनने के प्रस्ताव का समर्थन किया।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नरेंद मोदी ने कहा कि विपक्षी पार्टी 100 सीटों के आंकड़ा भी नहीं छू सकी और पिछले तीन लोकसभा चुनावों में उनकी जितनी सीटें आई हैं, वे बीजेपी की इस चुनाव की सीटों से भी कम हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए के घटक दलों का आपसी भरोसे का सेतु मजबूत है और यह अटूट रिश्ता विश्वास के मजबूत धरातल पर है। उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ी पूंजी होती है।