गंगा दशहरा 16 जून तक चलेगा अभियान
अभियान के अंतर्गत 3 हजार 90 करोड़ की लागत से होंगे जल संरक्षण के 990 कार्य
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय संस्कृति में माना गया है कि पृथ्वी पर्वत नदी पेड़-पौधों में जीवंतता है और वे हमारे लिए पूज्यनीय हैं। जिस प्रकार मानव देह में धमनियों के माध्यम से रक्त का संचार होता है उसी प्रकार नदियां पृथ्वी पर जीवन का संचार करती हैं। अत: हम सबके लिए नदियों का अक्षुण्ण निरंतर प्रवाह आवश्यक है। नदियों के प्रवाह को दूषित करना या उनमें अवरोध उत्पन्न करना जीवन में अवरोध उत्पन्न करने के समान है। इस दृष्टि से जल स्रोतों का संरक्षण मानव जीवन के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव विश्व पर्यावरण दिवस पर रायसेन जिले में झिरी बहेडा स्थित बेतवा नदी के उद्गम स्थल पर जल गंगा संवर्धन अभियान के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बेतवा नदी के उद्गम स्थल की पूजा-अर्चना कर तथा बरगद का पौधा रोपकर जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया। अभियान का समापन 16 जून को गंगा दशहरे के अवसर पर उज्जैन में होगा।
कार्यक्रम स्थल पर किया गया 108 पौधों का रोपण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बेतवा नदी का उद्गम भोपाल के पास से ही होता है और यहां का जल गंगा बेसिन में मिलता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ कलश यात्रा निकालकर स्थानीय महिलाओं ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ जनजातीय भाई-बहनों ने 108 पौधों का रोपण किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, पूर्व मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री तथा विधायक सुरेन्द्र पटवा इस अवसर पर उपस्थित थे।