बेंगलुरु। लोकसभा चुनाव के बीच में एक ऐसा मंजर देखने को मिला कि यह चर्चा का विषय बन गया। हुआ यूं कि बेंगलुरु में एक अफवाह उड़ी थी कि कुछ राजनीतिक पार्टियां महिलाओं के डाकघर वाले अकाउंट में 8000 रुपये ट्रांसफर करेंगी। फिर क्या था…हजारों महिलाएं सुबह-सुबह सीधे बेंगलुरु के जनरल पोस्ट ऑफिस पहुंच गईं। खाता खुलवाने घंटों इंतजार करने लगीं। हालांकि, इसका राहुल गांधी के 8500 रुपए वाले वादे से कोई कनेक्शन नहीं है।

दरअसल, पोस्ट ऑपिस में खाता खुलवाने वाली महिलाओं की संख्या देखकर डाकघर के कर्मचारी भी हैरान रह गए। उन्हें भी नहीं समझ आ रहा था कि अचानक खाता खुलवाने के लिए हजारों महिलाएं क्यों उमड़ पड़ी है। हालात ऐसे पैदा हो गए कि पोस्ट ऑफिस अधिकारियों को महिलाओं के अकाउंट खोलने के लिए अतिरिक्त स्टाफ को लगाना पड़ा। महिलाओं की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। हैरानी की बात तो यह है कि अकाउंट खुलवाने के लिए महिलाएं सुबह तीन बजे से ही लाइन में लग गई थीं। पहले इस पोस्ट ऑफिस में रोज 100-200 अकाउंट खुलते थे, लेकिन अब हर दिन 700 से 800 अकाउंट खुल रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के बीच चर्चा यह थी कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के तहत खोले गए हर एक अकाउंट में डाक विभाग पैसा जमा कर रहा था। महिलाओं को इस अफवाह की भनक व्हाट्सऐप ग्रुप से लगी। ये अफवाहें पिछले कुछ दिनों से चल रही थीं। जब महिलाओं को खबर लगी कि रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख सोमवार है तो जनरल पोस्ट ऑफिस में सैकड़ों महिलाएं अपना अकाउंट खुलवाने पहुंच गईं।

डाक विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया कि महिलाओं का मानना था कि 8 हजार पाने के लिए सबसे पहले अकाउंट खुलवाना होगा और डाक विभाग ने सभी के अकाउंट में 8,000 रुपये जमा करना शुरू कर दिया है। चीफ पोस्ट मास्टर एचएम मंजेश ने बताया कि उन्होंने गेट पर पोस्टर भी लगाए हैं. इनमें कहा गया है कि डाक विभाग द्वारा इस तरह के किसी नकद प्रोत्साहन कार्यक्रम या पहल की घोषणा नहीं की गई है।

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